पटना: बिहार में अब तक मानसून ऐसा रूठा है कि किसानों के साथ सरकार की भी चिंता (Paddy farmers in Bihar fear a drought) बढ़ गई है. बिहार में मानसून के दगा देने का आलम यह है की अब तक 41 फीसदी कम बारिश हुई (bihar receives 41 percent less rain) है, जिससे किसानों की धान की फसल खेतों में पीली पड़ने लगी है. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, राज्य की औसत बारिश की तुलना में महज 30 फीसदी बारिश (rain deficiency hits farmers in Bihar) हुई है. अगस्त में अच्छी बारिश के आसार बिल्कुल नहीं है.
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बारिश की कमी से जूझ रहे हैं बिहार के किसान: इस बीच, आपको बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सुखाड़ को लेकर हवाई सर्वे कर रहे है. मुख्यमंत्री पटना सहित कई जिलों में सूखे का जायला ले रहे है. बताया जाता है कि सूखे का जायजा लेने के बाद मुख्यमंत्री समीक्षा बैठक करेंगे. वहीं, आपदा प्रबंधन सह जल संसाधन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि जून माह में सामान्य वर्षापात से 6 प्रतिशत अधिक वर्षापात हुआ जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 182 मिलीमीटर कम है. जुलाई माह में वर्षापात का विचलन 60 प्रतिशत है जो पिछले वर्ष की तुलना में 123 मिलीमीटर कम है. 1 जून से 31 जुलाई की अवधि में 39 प्रतिशत कम वर्षापात हुआ लेकिन 20 जुलाई से पुन मानसून के सक्रिय हो जाने से अधिकांश भागों में बारिश हुई.
''जुलाई माह के उत्तरार्ध और अगस्त माह के प्रथम सप्ताह में वर्षा के कारण धान के आच्छादन में वृद्धि हुई. 1 अगस्त से 17 अगस्त तक वषार्पात का विचलन 46 प्रतिशत है लेकिन अगस्त माह के द्वितीय एवं तृतीय सप्ताह में वर्षापात में कमी के कारण 17 अगस्त को सामान्य से 41 प्रतिशत कम वर्षापात हुआ. जून माह में राज्य के 19 जिले में सामान्य बारिश हुई, जबकि जुलाई माह में वर्षापात की कमी के कारण तीन जिलों अररिया, किशनगंज और सुपौल को छोड़कर शेष 35 जिलों में सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई.''- संजय कुमार अग्रवाल, सचिव, आपदा प्रबंधन सह जल संसाधन विभाग