पटना:जातीय जनगणना (Caste Census) कराने को लेकर बिहार में विपक्षी पार्टियां राज्य सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रही हैं. खासकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) पर हमले किये जा रहे हैं. इसी बीच नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को पत्र लिखा है. सिर्फ यही नहीं, तेजस्वी ने इस मुद्दे पर जंतर-मंतर पर धरना देने की भी बात कही है. इसे लेकर फिर से बिहार में सियासत तेज हो गयी है.
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तेजस्वी यादव के इस कदम को लेकर बिहार सरकार के पीएचईडी मंत्री रामप्रीत पासवान (Minister Rampreet Paswan) ने कहा है कि यह लोकतंत्र है. सभी को अपनी मांग रखने का अधिकार है. वे इसके लिए स्वतंत्र हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि पार्लियामेंट में ओबीसी बिल पास होने के बाद राज्य सरकार को अब जातियों की गणना करानी है. मंत्री ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की इस मुद्दे पर मुलाकात को लेकर भी प्रतिक्रिया दी.
पासवान ने कहा कि जब मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है तो मुलाकात जरूर होगी. अभी संसद का सत्र चल रहा है, इसीलिए हो सकता है विलंब हुआ हो. लेकिन विपक्ष के लोग जो बातें कह रहे हैं, वह गलत है. मुख्यमंत्री का कोई अपमान नहीं हो रहा है. प्रधानमंत्री से उनकी मुलाकात जरूर होगी.
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वहीं, जातीय जनगणना के मुद्दे पर कृषि मंत्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह (Minister Amrendra Pratap Singh) ने भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि यह केंद्र का विषय है. केंद्र कोई भी फैसला सभी राज्यों को देखकर ही लेता है. कई राज्यों की राय अलग हो सकती है. इस पर भी केंद्र को विचार करना पड़ता है. साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार के समय जातीय जनगणना क्यों नहीं कराया? इसका जवाब भी विपक्ष को देना होगा.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांगा है. कब मुलाकात होगी, यह उन लोगों का मामला है. इस पर हम कुछ नहीं कह सकते हैं. सभी मुद्दे पर प्रधानमंत्री से मुलाकात होना संभव भी नहीं होता है. हम लोगों ने भी कई बार कई मुद्दों पर पत्र लिखा है लेकिन बात नहीं हो पाई. इसीलिए ये कहना कि मुलाकात हो ही जाएगी, उचित नही लगता.