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राज्यसभा में उठा कुपोषण का मुद्दा, RJD सांसद के सवाल का मंत्री स्मृति ईरानी ने दिया जवाब

आरजेडी सांसद अहमद अशफाक के पूछे गए सवाल के जवाब में मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि यहां मैं एक बात साफ कर देना चाहती हूं कि इस तय समय में सरकार की ओर से कुपोषण रोकने की ओर जो भी कदम उठाए गए हैं इससे बहुत हद तक समस्या पर काबू पाया जा सका है.

bihar mp asks questions on malnutrition
आरजेडी सांसद अहमद अशफाक करीम

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Published : Nov 28, 2019, 4:29 PM IST

नई दिल्ली/पटना: गुरुवार को राज्यसभा में कार्यवाही के दौरान बिहार से आरजेडी के राज्यसभा सांसद अहमद अशफाक करीम ने राज्य में कुपोषण के शिकार बच्चों और महिलाओं से जुड़े सवाल किए. उन्होंने महिला और बाल विकास मंत्रालय से सवाल करते हुए पूछा कि सरकार की ओर से इस दिशा में क्या कदम उठाए गए और इससे कुपोषण में कितनी कमी आई.

आरजेडी सांसद ने पूछे महिला और बच्चों के कुपोषण से जुड़े सवाल
आरजेडी सांसद करीम ने पूछा कि महिला और बाल विकास मंत्रालय की ओर से कुपोषण पर जो आंकड़े जारी किए गए हैं उनमें 15 साल से कम उम्र के बच्चों का आंकड़ा शामिल नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा कि जारी किए गए आंकड़े 2015-16 तक ही सीमित है. सांसद अहमद अशफाक करीम ने अपने सवाल में उसके बाद केंद्र की ओर से चलाई जा रही अलग-अलग योजनाओं से कितना फायदा पहुंचा, कुपोषण में कितनी फीसदी की कमी आई इसकी जानकारी मांगी.

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स्मृति ईरानी ने दिया जवाब
सांसद के सवाल पर महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने जबाव देते हुए कहा कि राज्यसभा सदस्य ने महिला संबंधी आंकड़ों के बारे में जानकारी चाही थी और एक अनुमान है कि जो मां बनती हैं उसकी उम्र 15 साल से कम नहीं होगी. यह देखते हुए कि हम मां की उम्र को भी ट्रैक करते हैं, मैं माननीय सदस्य को बताना चाहूंगी कि अनीमिया और कुपोषण से ग्रसित 5 साल से कम उम्र के बच्चों में सरकार की योजना से काफी सुधार हुआ है. अगर आंकड़ों की बात करें तो 2005-06 में कुपोषित बच्चों की संख्या का आंकड़ा 69 फीसदी था. 2015-16 में घटकर यह 58.6 फीसदी हुआ और 2016 से लेकर 2018 में यह आंकड़ा घटकर 40 फीसदी हुआ है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

योजनाओं से बहुत हद तक मिला लाभ
स्मृति ईरानी ने कहा कि यहां मैं एक बात साफ कर देना चाहती हूं कि इस तय समय में सरकार की ओर से कुपोषण रोकने की ओर जो भी कदम उठाए गए हैं इससे बहुत हद तक समस्या पर काबू पाया जा सका है. लेकिन अगर पूछा जाए कि क्या हम इन आंकड़ों से संतुष्ट हैं, तो मेरा जवाब होगा नहीं. कम से कम तब तक नहीं जब तक हरेक बच्चा कुपोषण से मुक्त ना हो जाए. उन्होंने कहा कि हम अपने लक्ष्य को पाने तक आराम नहीं करेंगे.

अब तक भेजे गए 1 करोड़ 47 लाख मैसेज
सांसद अशफाक करीम के इस सवाल पर कि बिहार के कुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य और कम वजन को लेकर की जा रही यह सरकारी प्रक्रिया कब तक जारी रहेगी, मंत्री ने कहा कि इस समस्या को बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इसपर मैं इतना ही कह सकती हूं कि हमारे पास रियल टाइम डाटा है, जिससे बच्चों के वजन में कोई गड़बड़ी या विसंगति होने पर उनके अभिभावकों को मेसेज भेजे जा सकें. 31 अक्टूबर तक अलग-अलग अभिभावकों को अब तक 1 करोड़ 47 लाख मेसेज भेजे गए. जिससे वो अपने बच्चों के विकास और पोषण में आ रही चुनौतियों का निरीक्षण कर सकें.

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