पटना:बिहार विधान परिषद (Bihar Legislative Council) के 7 सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए 2 जून से ही नॉमिनेशन शुरू हो गया है. 9 जून तक नॉमिनेशन होगा. 20 जून को चुनाव है. आरजेडी ने 3 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा (RJD Announces three candidates names) कर दी है. इसके कारण महागठबंधन के खेमे में काफी नाराजगी है. वहीं एनडीए में भी एक सीट को लेकर जदयू और बीजेपी के बीच विवाद (Controversy between JDU and BJP) बढ़ रहा है. बीजेपी ने कार्यसमिति की बैठक में 3 सीटों की दावेदारी की. जदयू की ओर से 2 सीटों पर दावेदारी की जा रही है. इसके कारण एक सीट दोनों दलों के बीच विवाद का मुद्दा बन गया है.
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एक सीट के लिए फंस रहा पेंच: बिहार विधान परिषद में 7 सीटों पर चुनाव होना है. अगले महीने सातों सीटें खाली हो रही हैं. 7 सीटों में से 4 सीट एनडीए को मिलना तय है. वहीं, 3 सीटें आरजेडी और उसके सहयोगियों को मिलेंगी. एनडीए को जो 4 सीटें मिलेंगी, उसमें से विधानसभा में संख्या बल के हिसाब से बीजेपी को 2 सीटें आसानी से मिल जाएंगी. उसके बाद भी 15 वोट शेष रह जाएगा. दूसरी तरफ जदयू के 45 और एक निर्दलीय मिलाकर 46 विधायक हैं तो एक सीट आसानी से मिल जाएगा और उसके बाद भी 15 वोट शेष रह जाएगा.
राज्यसभा चुनाव में सतीश चंद्र दुबे की सीट को लेकर जदयू ने बीजेपी को सपोर्ट किया है. इसलिए जदयू की भी दूसरे सीट पर दावेदारी बनती है. हमारे वरिष्ठ नेता विजेंद्र यादव ने पार्टी का स्टैंड क्लियर कर दिया है. -अशोक चौधरी, मंत्री, भवन निर्माण विभाग
सभी फैसले एनडीए में ही लिये जाते हैं. किसके खाते में कितनी सीटें जायेंगी, इसका फैसला एनडीए नेतृत्व द्वारा लिया जाना था लेकिन इस प्रकार बयान ठीक नहीं है. बीजेपी भी आरजेडी के रास्ते पर चलने की कोशिश कर रही है, जबकि जदयू की 2 सीटें बनती हैं.- अरविंद निषाद, प्रवक्ता जदयू.
एनडीए में विवाद मिटाने की कवायद: बिहार विधानसभा में 243 विधायक हैं. विधान परिषद के 1 सीट के लिए कम से कम 31 वोट चाहिए. आरजेडी के 76 विधायक हैं. उस हिसाब से 2 सीटें आसानी से मिल जायेंगी. उसके बाद 13 वोट शेष बच रहा रहा है. ऐसे में तीसरे सीट के लिए उसे सहयोगी की मदद चाहिए. यदि सहयोगियों में से कोई उम्मीदवार उतारता है तो चुनाव होना तय है. मामला काफी पेंचिदा हो जायेगा. दूसरी तरफ बीजेपी और जदयू को भी एक सीट को लेकर समझौता करना होगा ऐसे पहले भी जदयू बीजेपी के बीच आपसी तालमेल से मामलों का निपटारा किया जाता रहा है. दोनों दलों में इस बात को लेकर चर्चा भी हो रही है लेकिन फिलहाल एक सीट पर विवाद जरूर बना हुआ है.
वामदलों की मांग-19 प्लस 1 फार्मूले की मांग: वामदलों का यह कहना था कि राजद ने यह फैसला एकतरफा लिया और अपने स्तर से ही नामों की घोषणा कर दी. जबकि नीति के तहत देखा जाए तो एक सीट वामदलों की बनती है. वामदलों ने यहां तक कह दिया था कि इसके बारे में राजद के राष्ट्रीय नेतृत्व को पत्र लिखा जाएगा और उनसे यह कहा जाएगा कि एक सीट वामदलों को दें. भाकपा माले के प्रवक्ता कुमार प्रवेश करते हैं कहते हैं 2020 में बिहार विधानसभा चुनाव में 19 प्लस 1 यानी कि 19 सीट विधानसभा की और एक सीट विधान परिषद की देने का वादा राजद की तरफ से वामदलों को किया गया था.