पटना:बिहार में पंचायत चुनाव भले ही दलीय आधार पर नहीं हुआ हो, लेकिन सभी दलों की इस पर नजर थी. अब बिहार विधान परिषद का चुनाव (Bihar Legislative Council Election) भी होना है. बिहार विधान परिषद की 24 सीट जुलाई में खाली हुई है. वैसे तो चुनाव पहले हो जाना चाहिए था लेकिन पंचायत चुनाव नहीं होने के कारण 24 सीट को भरा नहीं जा सका, क्योंकि पंचायत चुनाव से जीते हुए जनप्रतिनिधि ही स्थानीय प्राधिकार की 24 विधान परिषद सीटों के भाग्य का फैसला करते हैं. इसलिए पंचायत चुनाव होने के बाद अब स्थानीय प्राधिकार से चुने जाने वाले विधान परिषद सीटों को लेकर हलचल बढ़ने लगी है.
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16 जुलाई को जिनका कार्यकाल समाप्त हुआ है, उसमें रजनीश कुमार, सच्चिदानंद राय, रीना यादव, राधाचरण साह, टुन्ना जी पांडे, संतोष कुमार सिंह, मनोरमा देवी, राजन कुमार सिंह, बबलू गुप्ता, सलमान रागिब, सुबोध कुमार, दिनेश प्रसाद सिंह, हरीनारायण चौधरी, दिलीप जायसवाल, अशोक अग्रवाल, संजय प्रसाद, नूतन सिंह, सुमन कुमार, आदित्य नारायण पांडे और राजेश राम शामिल हैं. इन सीटों के खाली होने के कारण बीजेपी के पहले 26 विधान पार्षद थे, लेकिन अभी घटकर केवल 15 रह गए हैं. वहीं जेडीयू के 29 विधान पार्षद थे, जो अभी 23 रह गए हैं.