पटना:शिक्षक नियोजन (Bihar Shikshak Niyojan) में पिछली बार जमकर फर्जीवाड़ा (Fraud In Recruitment) हुआ था, जिसका खामियाजा आज तक शिक्षा विभाग भुगत रहा है और उसकी निगरानी जांच भी चल रही है. इस बार इन तमाम धांधलियों से बचने के लिए शिक्षा विभाग ने पुख्ता व्यवस्था की. लेकिन कुछ जिले शिक्षा विभाग के आदेश की लगातार अवहेलना कर रहे थे. यह पूरा मामला बिहार में प्राथमिक शिक्षकों के 90762 पदों पर नियोजन का है जिसके लिए 5 जुलाई से 12 जुलाई के बीच प्रथम चरण की काउंसलिंग हुई है.
ईटीवी भारत ने आपको बताया था कि भोजपुर ने जो चयन सूची एनआईसी की वेबसाइट पर जारी की है, उसमें बड़ी चालाकी से महत्वपूर्ण जानकारियों को छुपा लिया गया है. वहीं दरभंगा समेत कई जिलों ने तो एनआईसी पर काउंसलिंग की फाइनल लिस्ट जारी ही नहीं की. जिससे यह साफ पता चलता है कि नियोजन में किस हद तक धांधली हुई है.
ये भी पढ़ें- बिहार शिक्षक नियोजनः काउंसलिंग फर्जीवाड़े में कई गिरफ्तार, पंचायत सेवकों पर भी लटकी तलवार
ईटीवी भारत ने इस धांधली को प्रमुखता से प्रकाशित किया. शिक्षा विभाग की नजर ईटीवी भारत की खबर पर पड़ी और इसके बाद प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं.
प्राथमिक शिक्षा निदेशक डॉ रणजीत कुमार सिंह ने बताया कि चयन सूची की समीक्षा की जा रही है. चयन सूची में आरक्षण नियम का पालन नहीं किया गया है. मेरिट लिस्ट में भी काउंसलिंग के समय अधिक अंक बताया गया और फाइनल चयन सूची में कम करके या वास्तविक अंक दिखाया गया.