पटना: बिहार में मगध विश्वविद्यालय (Magadha University) समेत कई विश्वविद्यालयों में घोटाले की बात सामने आ रही है. मगध विश्वविद्यालय के वीसी (VC of Magadh University) पर गंभीर आरोप लगे हैं. दूसरी तरफ मंगलवार को राजभवन में एक सम्मान समारोह में चांसलर अवार्ड दिया गया. हालांकि शिक्षा विभाग ने इस अवार्ड समारोह से पूरी तरह किनारा कर लिया.
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दरअसल, बिहार के राज्यपाल फागू चौहान (Bihar Governor Fagu Chauhan) ने मंगलवार को राजभवन में एक समारोह में बेस्ट चांसलर अवार्ड (Best Chancellor Award) से एलएनएमयू (LNMU) के कुलपति को सम्मानित किया. इधर, शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी (Education Minister Vijay Choudhary) ने स्पष्ट किया है कि जिन्हें बेस्ट कुलपति का अवार्ड दिया गया है, उस अवार्ड से शिक्षा विभाग या सरकार का कोई लेना-देना नहीं है. इस बारे में पूरी जानकारी सिर्फ कुलाधिपति कार्यालय को ही है.
ऐसे में यह स्पष्ट है कि विश्वविद्यालयों में गड़बड़ियों को लेकर राज्य सरकार सचेत है. इन तमाम मुद्दों से सरकार अपने आप को अलग साबित करने की कोशिश कर रही है. चांसलर अवार्ड में एक वीसी समेत कुछ विद्यार्थियों और प्राचार्य को भी चांसलर अवार्ड दिया गया है लेकिन इस अवार्ड समारोह में शिक्षा विभाग के मंत्री विजय चौधरी के साथ ही कोई अधिकारी भी शामिल नहीं हुआ.
इन सब के बीच यह जानकारी मिल रही है कि निगरानी ने सभी विश्वविद्यालय से कॉपी खरीद की पूरी रिपोर्ट मांगी है. वहीं, राज्यपाल फागू चौहान को दिल्ली तलब किया गया है. वह बहुत जल्द केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Union Education Minister Dharmendra Pradhan) से मुलाकात करेंगे. इधर, मगध विश्वविद्यालय के वीसी पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. उनके ठिकानों पर छापेमारी में एक करोड़ रुपए और विश्वविद्यालय से जुड़ी फाइलें बरामद हुई थीं. जानकारी के मुताबिक एम यू के वाइस चांसलर 1 महीने के अवकाश पर चले गए हैं. उनके स्थान पर प्रो वीसी विभूति नारायण सिंह को प्रभार दिया गया है.
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