पटना:एनआईए (National Investigation Agency) ने नक्सलियों को फंडिंग करने वाले बिहार समेत अन्य राज्यों में फैले पूरे टेरर नेटवर्क पर एक साथ शनिवार को सघन छापेमारी की थी. जहानाबाद, गया समेत सात जिलों में एक साथ छापेमारी (Raid at places of naxalite in Bihar) की गयी थी. इस दौरान जब्त कई संवेदनशील दस्तावेजों से कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. इससे सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ गयी है.
छापेमारी में पता चला कि जेल में वर्षों से बंद नक्सली कमांडर प्रद्युम्न शर्मा (Most wanted naxali pradyumn sharma), कविजी समेत अन्य कई बड़े नक्सली नेताओं के नाम पर माओवादी संगठन पैसे की उगाही कर रहे हैं. इस काम में पूरा सिंडिकेट लगा हुआ है. कई माफिया जानबूझ कर इन्हें फंडिंग करते हैं. इसके आधार पर इस सिंडिकेट में शामिल बिहार के अलावा पश्चिम बंगाल, झारखंड, ओडिशा, आंध्र प्रदेश के कई नये लोगों के नाम भी सामने आये हैं. इस मामले में इन सभी संदिग्धों से एनआईए जल्द ही पूछताछ कर सकती है या इनके खिलाफ कार्रवाई भी कर सकती है.
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तलाशी के दौरान, एनआईए ने तीन देशी पिस्तौल, एक .315 बोर राइफल, कई डिजिटल उपकरण, माओवादी साहित्य, आपत्तिजनक दस्तावेज और चार किलो संदिग्ध नशीले पदार्थ बरामद किए थे. एनआईए ने तलाशी के दौरान किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचने के लिए पुलिस, स्पेशल टास्क फोर्स और सीआरपीएफ की मदद मांगी थी. एनआईए के एक अधिकारी ने बताया कि, हमने बिहार के जहानाबाद, पटना ग्रामीण, अरवल, नालंदा, गया, नवादा और औरंगाबाद, झारखंड के कोडरमा जिले, ओडिशा के भुवनेश्वर और आंध्र के नेल्लोर जिलों में आरोपी व्यक्तियों और संदिग्धों से संबंधित 26 स्थानों पर तलाशी ली. आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गये हैं.
अधिकारी ने कहा कि मामला बिहार के मगध क्षेत्र में भाकपा (माओवादी) कैडरों और ओजीडब्ल्यू द्वारा संचालित आतंकवाद के वित्तपोषण के नेटवर्क से संबंधित है. अपने नापाक मंसूबों को आगे बढ़ाने के लिए लगातार हथियार और गोला-बारूद की खरीद के लिए फंड जुटाने का प्रयास किया जा रहा है. आरोपी इस क्षेत्र में माओवादी गतिविधियों को पुनर्जीवित करने और मजबूत करने के लिए विभिन्न जेलों में बंद माओवादियों, ओवर ग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) के संपर्क में नए कैडर भी भर्ती कर रहे हैं.