पटना:राजधानी पटना सहित पूरे बिहार में 29 मार्च तक सभी सरकारी और गैर सरकारी बैंक बंद (Bank Workers Strike Against Privatization) रहेंगे. ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (All India Bank Officers Association) ने निजीकरण के खिलाफ 28 और 29 मार्च को औद्योगिक हड़ताल में बैंक यूनियंस के शामिल होने के कारण ऐसा होगा. वैसे गौर से देखें तो 26 से ही बैंक बंद हैं. जो 29 मार्च तक जारी रहेगा.
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आम लोगों को होगी परेशानी:4 दिनों तक बैंक बंद रहने से आम लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. कयास लगाया जा रहा है कि दो दिवसीय हड़ताल के कारण राज्य में 50 हजार करोड़ का कारोबार बाधित होगा. बता दें कि बैंकों के निजीकरण के खिलाफ ये कोई पहली बार नहीं है कि बैंकों को बंद का आह्वान किया गया है. इससे पहले भी कई बार बैंक कर्मचारियों द्वारा बैंकों के निजीकरण का विरोध किया गया है.
एटीएम पर नहीं पड़ेगा कोई प्रभाव:ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के संयुक्त सचिव डीएन द्विवेदी ने बताया कि स्टेट बैंक के अलावा सभी व्यवसायिक बैंक और ग्रामीण बैंक के अधिकारी और कर्मचारी हड़ताल में शामिल रहेंगे. जिस वजह से सभी बैंक के बंद रहेंगे. उनका कहना है कि लगातार हो रहे बैंकों के निजीकरण के खिलाफ ऑल इंडियन बैंक ऑफिसर एसोसिएशन अपनी मांगों को सरकार के समक्ष रख रही है. इसके बावजूद भी उनकी मांगों को नहीं मानी जा रही है. हालांकि इन दोनों दिन आम लोग एटीएम से ट्रांजैक्शन कर सकते हैं. बैंक के बंद रहने से एटीएम पर किसी तरह का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.
केंद्रीय श्रमिक संगठनों की हड़ताल :केंद्रीय श्रमिक संगठनों ने (A joint forum of central trade unions) सरकार की कामगार, किसान और जन विरोधी नीतियों के विरोध (protest against government policies) में आज से (28 और 29 मार्च) (trade unions call two day bharat bandh) देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है. ट्रेड यूनियनों की हड़ताल से बैंकिंग सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं. श्रमिक संगठनों के बयान के अनुसार, कामगार विरोधी, किसान विरोधी, जन विरोधी तथा राष्ट्र विरोधी नीतियों के खिलाफ 28-29 मार्च, 2022 को दो दिन की हड़ताल है. विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों में तैयारियों के सिलसिले में केंद्रीय श्रमिक संगठनों के संयुक्त मंच की 22 मार्च, 2022 को दिल्ली में बैठक हुई थी. बयान में कहा गया है कि एस्मा (हरियाणा और चंडीगढ़, क्रमशः) के खतरे के बावजूद रोडवेज, परिवहन और बिजली क्षेत्र के कर्मचारियों ने हड़ताल में शामिल होने का निर्णय किया है.
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