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शहरी स्वास्थ्य केन्द्र हुआ 'बीमार', इलाज के लिए नहीं हैं डॉक्टर - डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा शहरी स्वास्थ्य केंद्र

शहरी स्वास्थ्य केंद्रों पर कम से कम 42 डॉक्टर होने चाहिए. लेकिन इन स्वास्थ्य केंद्रों पर मात्र 12 डॉक्टर ही बचे हैं. जिससे मरीजों का काफी परेशानी उठानी पड़ रही है.

शहरी स्वास्थ्य केंद्र

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Published : Jun 13, 2019, 6:32 PM IST

पटना: राजधानी में शहरी स्वास्थ्य केंद्र बदहाल स्थिति में हैं. स्वास्थ्य विभाग द्वारा किये गए सारे दावे फेल नजर आ रहे हैं. जिले में कई ऐसे अस्पताल हैं जो बिना डॉक्टर के चल रहे हैं. जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ता है.

डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा शहरी स्वास्थ्य केंद्र

2 से 3 महीनों में छोड़ रहे डॉक्टर
राजधानी पटना में स्वास्थ्य सेवा का हाल बेहाल है. जिले के 21 शहरी स्वास्थ्य केंद्र मात्र 12 डॉक्टरों के भरोसे है. अस्पतालों में जितने भी डॉक्टरों की नियुक्ति की जाती है. वे ज्यादा दिन तक टिक नहीं पाते हैं. डॉक्टरों के मुताबिक सरकार की लचर व्यवस्था के कारण सभी काम छोड़ रहे हैं.

स्वास्थ्य केन्द्र पर हो इतने डॉक्टर
जिले के सिविल सर्जन राजकिशोर चौधरी ने बताया कि शहरी स्वास्थ्य केंद्रों पर कम से कम 42 डॉक्टर होने चाहिए. लेकिन इन स्वास्थ्य केंद्रों पर मात्र 12 डॉक्टर ही बचे हैं. डॉक्टरों की नियुक्ति कम होने की वजह तो मालूम नहीं है. लेकिन, स्वास्थ्य विभाग को इसपर सोचने की आवश्कता है. उन्होंने बताया कि वर्तमान सरकार ने शहरी स्वास्थ्य केंद्रों पर फुल टाइम सेवा देने वाले चिकित्सकों की नियुक्ति 41000 हुई है. लेकिन इसमें से सेवा देने वालों को 34000 रुपये वेतन देने का प्रावधान है. शायद इतने कम वेतन पर योगदान तो दे देते हैं. लेकिन जैसे ही कहीं और से अवसर मिलता है तो डॉक्टर छोड़ कर चले जाते हैं.

खामियाजा भुगत रहे मरीज
बहरहाल, बिना डॉक्टर के चल रहे इस अस्पताल में खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है. शहरी स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टर नहीं होने के कारण गरीब मरीजों को परेशानी होती है. वहीं, अधिकांश शहरी स्वास्थ्य केंद्र गरीब बस्तियों में ही खोले गए हैं. यहां आसपास के मरीज काफी संख्या में आते हैं. लेकिन डॉक्टर नहीं रहने के कारण उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

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