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नेत्रदान रोकने पर अशोका हॉस्पिटल का निबंधन रद्द, सुशोल मोदी की मांग पर सिविल सर्जन ने की कार्रवाई

नेत्रदान के दौरान अमानवीय हरकत करने के मामले में अशोका हॉस्पिटल का निबंधन रद्द कर दिया गया है. राज्यसभा सांसद सुशील मोदी की मांग पटना सिविल सर्जन ने ये कार्रवाई की है. पूरी खबर...

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Published : Dec 25, 2021, 3:57 PM IST

नेत्रदान से रोकने पर अशोका हॉस्पिटल का निबंधन रद्द
नेत्रदान से रोकने पर अशोका हॉस्पिटल का निबंधन रद्द

पटना:राजधानी पटना के राजेंद्र नगर स्थितअशोका हॉस्पिटल (Ashoka Hospital Rajendra Nagar) का निबंधन रद्द कर दिया गया है. अस्पताल के बाहर एंबुलेंस में नेत्रदान करवाने के मामले में सिविल सर्जन ने ये आदेश जारी किया है. बता दें कि राज्यसभा सांसद सुशील मोदी (MP Sushil Modi Demanded Action) की मांग पर अस्पताल का निबंधन रद्द (Ashoka Hospitals Registration Suspended) किया गया है.

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दरअसल, नेत्रदान में बाधा पहुंचाने की शिकायत के बाद जिला प्रशासन ने 3 सदस्यों की जांच टीम गठित की थी. 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया था. जांच में अशोक हॉस्पिटल राजेंद्र नगर की गैर जिम्मेदाराना हरकत सामने आयी. मानवीय मूल्यों की अनदेखी का मामला उजागर हुआ था. इसको लेकर भाजपा सांसद सुशील मोदी ने दोषी अस्पताल पर कठोर कार्रवाई की मांग की थी.

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दरअसल, राजधानी पटना में एक बुजुर्ग महिला मौत के बाद एक परिवारवालों ने नेत्रदान की इच्छा जताई, लेकिन अशोका अस्पताल ने नेत्रदान करवाने आई टीम को अस्पताल में घुसने नहीं दिया था. इसके बाद IGIMS से आई टीम ने अस्पताल के बाहर सड़क पर खड़ी एक एंबुलेंस के (Eye Donation On Road In Patna) अंदर कार्निया निकाला गया. अशोका हॉस्पिटल की मनमानी की शिकायत प्रधानमंत्री से लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से की गई. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने जांच के लिए कमेटी गठित (Committee For Investigation) कर दी थी.

16 दिसंबर को को 74 साल की महिला हरजीत कौर का पटना के राजेंद्र नगर के अशोका हॉस्पिटल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी. जिसके बाद परिवार वालों ने नेत्रदान कराने की इच्छा जताई. हरजीत कौर की मृत्यु से पहले ही सारी तैयारी कर ली थी. लेकिन अस्पताल ने (Ashoka Hospital Creates Problems For Eye Donation) नेत्रदान करवाने IGIMS की टीम को अंदर नहीं आने दिया. जिसके बाद अस्पताल के बाहर खड़े एंबुलेंस में सड़क पर महिला का नेत्रदान किया गया था.

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बता दें कि मामले की गंभीरता एवं संवेदनशीलता को देखते हुए जिलाधिकारी पटना डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने सूचना प्राप्त होते ही त्वरित कार्रवाई करते हुए जांच टीम का गठन कर निरीक्षण करने का निर्देश दिया था. तीन सदस्यीय जांच दल में अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी पटना डॉ. अविनाश कुमार सिंह, सिविल सर्जन कार्यालय में पदस्थापित डॉ. अवधेश कुमार तथा श्रम अधीक्षक मनीष कुमार थे. जांच टीम को मामले की जांच कर अविलंब प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया था.

जांच रिपोर्ट मिलने के बाद पाया गया कि अस्पताल जो स्पष्टीकरण दे रहा है वह गलत है. इसके बाद अशोका अस्पताल का निबंधन रद्द कर दिया गया है. पटना के राजेंद्र नगर रोड नंबर 3A में अस्पताल है. जहां नेत्रदान समिति द्वारा अनुरोध करने के बावजूद भी मरीज के आंख का कॉर्निया नहीं निकाने दिया गया था. इसी मामले को लेकर अस्पताल का निबंधन रद्द किया गया है.

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