पटना: बिहार में भी कई जिलों में किसान को पराली जलाने की सूचना कृषि विभाग (Agriculture Department) को पहुंच रहा है. लगातार कृषि विभाग किसानों के बीच जाकर पराली नहीं जलाने को लेकर जागरूक कर रहा है और कई जिलों में विभाग ने किसानों और इसको लेकर कार्रवाई भी है. कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह (Amarendra Pratap Singh) ने कहा कि पराली जलाने की समस्या तब से शुरू हो गई जब से किसान पूरी तरह से किसान नहीं रह गए.
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उन्होंने कहा कि किसानों को हम लोग पशुपालन के लिए जागरूक करने की कोशिश कर रहे हैं. पहले के किसान खेती के साथ-साथ पशुपालन भी करते थे, लेकिन अभी अधिकांश किसान ने पशुपालन करना छोड़ दिया है और यही कारण है कि खेतों में पराली बच जाती है.
''पहले यह पराली मवेशी के चारा के रूप में इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन अब किसान पशुपालक नहीं रह गए हैं. इसको लेकर कृषि विभाग ने जागरूकता अभियान शुरू किया है. हम चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा किसान खेती के साथ-साथ मवेशी पालन का भी काम करें.''-अमरेंद्र प्रताप सिंह, कृषि मंत्री
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उन्होंने साफ-साफ कहा कि किसान जब मवेशी पालन करने लगेंगे, निश्चित तौर पर पराली जलाने की व्यवस्था जो चली आ रही है वह बंद हो जाएगा. इसको लेकर कृषि विभाग जागरूकता अभियान भी चला रहा है और राज्य सरकार लगातार किसानों को मवेशी पालन करने के लिए अनुदान भी दे रही है. जरूरत है कि ज्यादा से ज्यादा किसान कृषि कार्य के साथ-साथ मवेशी पालन करें और इसको लेकर ही हम लोग उन्हें जागरूक कर रहे हैं.
उनका साफ साफ कहना था कि अगर किसान कृषि कार्य के साथ-साथ मवेशी पालन भी करने लगेंगे, तो पराली जलाने की समस्या स्वत: समाप्त हो जाएगी. यही कारण है कि हमारा विभाग लगातार किसानों को पशुपालन करने के लिए जागरूक कर रहा है. हमें विश्वास है कि बिहार के किसान कृषि कार्य के साथ-साथ मवेशी का पालन भी करेंगे और उसके बाद पराली जलाने के समस्याओं का अंत हो जाएगा.