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पुलिस, एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड के लिए एक ही इमरजेंसी नंबर, डॉयल 112 पर मिलेगी तत्‍काल मदद

पुलिस, एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड जैसी आपातकालीन सेवाओं के लिए अब सिर्फ एक ही नंबर 112 डायल करना होगा. बिहार में यह सेवा जल्द ही शुरू होने जा रही है. पब्लिक इमरजेंसी रिस्पांस सिस्टम के लिए गाड़ियों की खरीद कर ली गई है. इस महत्वपूर्ण परियोजना का मकसद आपात स्थिति में लोगों को तत्काल मदद मुहैया कराना है.

डॉयल 112
डॉयल 112

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Published : Jan 4, 2022, 4:24 PM IST

पटना:बिहार पुलिस मुख्यालय द्वारा मिल रही जानकारी के अनुसार यौन उत्पीड़न तथा हिंसा के मामले में कानून में संशोधन करते हुए त्वरित न्याय तथा सजा को बढ़ाए जाने की अनुशंसा की गई थी. कमेटी द्वारा पब्लिक इमरजेंसी रिस्पांस सिस्टम (Public Emergency Response System) बनाया जाना था. इसके बाद दूरसंचार विभाग द्वारा डायल 100, 102, 103 को 112 के तहत यानी कि अब एक नंबर 112 डायल (emergency services on dial 112 in Bihar) करते ही लोगों की समस्याओं का निदान किया जाएगा.

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आपात स्थिति में नागरिकों द्वारा वॉइस कॉल, एसएमएस, ईमेल, पैनिक एसएमएस, एसओएस रिक्वेस्ट तथा वेब रिक्वेस्ट इस पर भेजा जा सकेगा. इसे इस प्रकार से डिजाइन किया गया है. वर्तमान में यह सेवा कई राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों कार्यकर है. बिहार में इसे लागू करने की तैयारी अंतिम चरण में है.

पुलिस मुख्यालय द्वारा मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2022 के अप्रैल माह तक डायल 112 की सेवा प्रारंभ होने की संभावना है. बिहार में इस परियोजना को दो चरणों में लागू किया जा रहा है. दरसअल, 30 दिसंबर 2012 को माननीय न्यायमूर्ति जेएस वर्मा की अध्यक्षता में कमिटी की गठन किया गया था. प्रथम चरण में 400 वाहन खरीदने हेतु 33.97 करोड़ रुपए का कांटेक्ट साइन हो चुका है.

इसे 23 मार्च 2022 के पूर्व बिहार पुलिस को उपलब्ध करा देना है. इन वाहनों में मोबाइल डाटा टर्मिनल लगा रहेगा जो कि जीपीएस की तरह काम करेगा. इसमें तीन भागों में जानकारी उपलब्ध होगी. पहला भाग डिस्प्ले होगा, घटनास्थल जहां से कॉल की जा रही है और रास्ता दिखेगा. दूसरे भाग में कॉलर की डिटेल्स होगी तथा तीसरे भाग में फीडबैक अंकित होगा.

पटना के राजवंशी नगर में बिहार पुलिस रेडियो परिसर में इसका सेंट्रल कमांड और कंट्रोल सेंटर अस्थाई रूप से स्थापित किया गया है. जिसे अस्थाई भूखंड हेतु कार्रवाई की जा रही है. इसमें 24x7 सेवा रहेगी. वर्तमान में 86 महिला पुलिसकर्मी को चयनित कर प्रशिक्षण दिया जा रहा है. पुलिस मुख्यालय के अनुसार परियोजना के द्वितीय चरण में 883 चार पहिया वाहन तथा 550 दो पहिया वाहन खरीदने हेतु प्रस्तावित है.

जिन सुदूर क्षेत्रों में चार पहिया वाहन नहीं जा सकता है, उन क्षेत्रों के लिए दो पहिया वाहनों का उपयोग किया जायेगा. इस परियोजना का लाभ सर्वसाधारण कोई मिलेगा. प्रारंभ में पुलिस, अग्निशमन सेवा तथा चिकित्सा सेवा को इस एकल लघु कोड संख्या 112 के अधीन रखा गया है. बाद में अन्य आपातकालीन सेवाओं को इससे जोड़े जाने की योजना है.

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