पटना: सीबीएसई बोर्ड द्वारा 10वीं और 12वीं की परीक्षा शुल्क बढ़ाए जाने को लेकर छात्र संगठन ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (आईसा) में भारी रोष है. फीस बढ़ाए जाने को लेकर आईसा 14 अगस्त को राज्यव्यापी विरोध दिवस के रूप में राज्य की सड़कों पर उतरकर इसका विरोध जताएगी. आईसा का आरोप है कि सरकार शिक्षा का महंगाईकरण कर एक खास वर्ग को ज्ञान से दूर करना चाहती है.
पटना: फीस बढ़ाए जाने को लेकर CBSE के खिलाफ रोष, 14 को सड़कों पर उतरेगी आईसा - raising 10th and 12 exam fees
आईसा के मुताबिक 24 गुना फीस बढ़ाना पिछड़े वंचित समुदाय से शिक्षा छीनने का तानाशाही रवैया है. फीस बढ़ाने से वंचित छात्रों पर प्रभाव पड़ेगा और गरीब शिक्षा से वंचित हो जाएंगे.
24 गुना बढ़ी फीस
आईसा ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि सीबीएसई द्वारा दसवीं और बारहवीं कक्षा की परीक्षा फीस में 24 गुना वृद्धि कर दी गई है. इस कारण छात्रों के पठन-पाठन में बोझ बढ़ जाएगा. फीस वृद्धि वर्तमान में दिल्ली के लिए मान्य है लेकिन यह जल्द ही सभी राज्यों में लागू हो जाएगा. बीते वर्ष सामान्य वर्ग के छात्रों की परीक्षा शुल्क 450 रुपये थी. अबकी बार इसे तीन गुना से ज्यादा बढ़ाकर 1500 कर दिया गया है.
'शिक्षा छीनने का तानाशाही रवैया'
आईसा ने बिहार सरकार की नीतियों को शिक्षा विरोधी बताया है. आईसा के मुताबिक 24 गुना फीस बढ़ाना पिछड़े वंचित समुदाय से शिक्षा छीनने का तानाशाही रवैया है. जारी प्रेस नोट में कहा गया है कि फीस बढ़ाकर कॉरपोरेट को मजबूत करने का तरीका अपनाया जा रहा है. फीस बढ़ाने से वंचित छात्रों पर प्रभाव पड़ेगा और गरीब शिक्षा से वंचित हो जाएंगे.