पटनाः राजधानी पटना के बामेती सभागार में कृषि विभाग की ओर से बुधवार को जल जीवन हरियाली दिवस मनाया (Agriculture Department Celebrated Jal Jeevan Hariyali Diwas) गया. मौके पर बिहार में पर्यावरण अनुकूल खेती पर एक परिचर्चा का भी आयोजन किया गया. कार्यक्रम के बेहतरीन कार्य करने वाले वैज्ञानिकों को पुरस्कृत भी किया गया. मौके कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह (Agriculture Minister Amarendra Pratap Singh) ने कहा कि बिहार में सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने जिस सोच के तहत जल जीवन हरियाली मिशन की शुरुआत की है, वह सफल होगा और जलवायु परिवर्तन होने के बाद भी राज्य में फसल की बंपर उपज होगी.
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पैदावार के साथ पर्यावरण भी जरूरीःकार्यक्रम में कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह, विभाग के प्रधान सचिव एन सरवन, बिहार स्टेट मिल्क को ऑपरेटिव फेडरेशन की मैनेजिंग डायरेक्टर शिखा श्रीवास्तव सहित कई विभाग के अधिकारी, वैज्ञानिक और किसान मौके पर मौजूद थे. परिचर्चा के दौरान जलवायु परिवर्तन के कारण कृषि पर प्रभाव पर भी बात रखते हुए वक्ताओं ने कहा कि आज के समय में पैदावार बढ़ाने के साथ-साथ पर्यावरण पर भी ध्यान देने की जरूरत है. वहीं फसल अवशेष प्रबंधन विषय पर भी चर्चा के दौरान कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को कई तरह की जानकारियां दी.
कई लोग पुरस्कृतःमौके पर कई कृषि वैज्ञानिक को विभाग की ओर से जल जीवन हरियाली योजना को आगे बढ़ाने के लिए पुरस्कृत किया गया. वहीं फसल अवशेष प्रबंधन के क्षेत्र में विशेष कार्य के लिए कॉम्फेड की एमडी शिखा श्रीवास्तव को प्रशस्ति पत्र दिया गया. बता दें कि बिहार में कॉम्फेड फसल अवशेष प्रबंधन के लिए एक मॉडल पर काम कर रहा है. यह किसानों से पुआल खरीदा करता है और उसका चारा बनाकर फिर कॉम्फेड के जरिए गौ पालकों को को बेच देता है. कृषि विभाग ने इस कार्य के लिए कॉम्फेड एमडी शिखा श्रीवास्तव की तारीफ भी की.