बिहार

bihar

ETV Bharat / city

अधिवक्ता कामेश्वर पांडेय की कथित हत्या मामले में पटना हाईकोर्ट ने मांगी केस डायरी - अधिवक्ता हत्या

बिहार स्टेट बार काउंसिल के वाईस चेयरमैन रहे अधिवक्ता कामेश्वर पांडेय और उनकी दाई की कथित हत्या मामले में पटना हाईकोर्ट ने डायरी मांगी है. जस्टिस ने याचिकाकर्ता रविश कुमार की नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई की.

पटना हाईकोर्ट
पटना हाईकोर्ट

By

Published : Nov 15, 2021, 8:23 PM IST

पटनाः बिहार स्टेट बार काउंसिल के वाईस चेयरमैन रहे अधिवक्ता कामेश्वर पांडेय व उनकी दाई की कथित हत्या मामले में पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने केस डायरी मांगी है. जस्टिस सत्यव्रत वर्मा ने याचिकाकर्ता रविश कुमार उर्फ रविश कुमार सिंह की नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई की.

उल्लेखनीय है कि रिश्ते में कामेश्वर पांडेय के भतीजे अभिजीत कुमार द्वारा 6 मार्च, 2020 द्वारा दी गई लिखित सूचना के आधार पर एफआईआर लिखी गई. आईपीसी की धारा 302, 380, 120 (बी) व 34 के तहत भागलपुर जिले मेंं कोतवाली (तिलकामांझी) प्राथमिकी संख्या 72/2020 दर्ज किया गया था.

यह भी पढ़ें- बिहार विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से लगाई गई प्रदर्शनी, पटना HC के चीफ जस्टिस ने किया उद्घाटन

इस तिथि को अधिवक्ता के ड्राइवर द्वारा कांड के सूचक को फोन पर सूचना दी गई थी कि तुरंत घर आइए, घर में भयंकर घटना हो गई है. कामेश्वर पांडेय के घर के मुख्य द्वार के पास कुछ खून के धब्बे पाए गए थे. वे अपने बेडरूम में अस्त-व्यस्त हालात में अचेत पड़े हुए थे. साथ ही उनके चेहरे पर खून लगा हुआ तकिया रखा हुआ पाया गया था. कमरे में रखा हुआ आलमारी टूटा हुआ था और उसमें रखा हुआ सामान गायब था. मुख्य द्वार के निकट पोर्टिको में जेनेरेटर के बगल में रखे हुए ड्रम में दाई का मृत शव पाया गया था.

घर से सभी नकदी, कागजात, एक स्मार्ट फोन और कामेश्वर पांडेय के कार को लेकर अपने साथियों के साथ आरोपी भाग गए थे. याचिकाकर्ता के कपड़े पर खून का धब्बा भी पाया गया था और इसी के स्वीकारोक्ति बयान पर कार की बरामदगी की गई थी.

'दर्ज प्राथमिकी के अनुसार मृत कामेश्वर पांडेय का किराएदार गोपाल भारती से आये दिन मकान खाली करने को लेकर अक्सर लड़ाई झगड़ें होते रहते थे. दाई से भी उलझा करता था. वह धमकी भी देता था कि तुमलोगों को देख लेंगे.'-योगेश चंद्र वर्मा, वरीय अधिवक्ता

आरोप लगाया गया है कि याचिकाकर्ता अन्य लोगों के साथ मिलकर हत्याकांड को अंजाम दिया था. इस बात की जानकारी मोहल्ले वालों, परिवार वाले और कचहरी के कुछ लोगों को भी थी कि गोपाल भारती का विचार और बर्ताव सही नहीं था.

ये भी पढ़ें: कंपनी को ब्लैकलिस्ट करने के मामले में HC ने ठोका 50 हजार जुर्माना

ABOUT THE AUTHOR

...view details