पटना: बिहार में सरकारी स्कूलों में नामांकन (Admission in Government School) बढ़ा है. एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि निजी स्कूलों की मनमानी और कोरोना काल (Covid-19) में बड़ी संख्या में निजी स्कूलों के बंद होने की वजह से विद्यार्थियों ने अब सरकारी स्कूलों का रुख कर लिया है. ईटीवी भारत ने एक सरकारी स्कूल का जायजा लिया और यह जानने की कोशिश की कि क्या बच्चे प्राइवेट स्कूलों को छोड़कर सरकारी में एडमिशन ले रहे हैं. अभिभावक बच्चों का एडमिशन सरकारी स्कूलों में करा रहे हैं.
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हाल ही में प्रकाशित एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि कोविड-19 की वजह से सरकारी स्कूलों में नामांकन बढ़ा है. इसके पीछे कोविड-19 की वजह से बंद हुए स्कूलों के अलावा आर्थिक परेशानी भी एक बड़ी वजह रही है. एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट (असर) 2021 के सर्वे के मुताबिक निजी स्कूलों की बजाय सरकारी स्कूलों की तरफ हाल के समय में छात्र-छात्राओं का आकर्षण बढ़ा है.
वर्ष 2021 के सितंबर-अक्टूबर महीने में असर ने देश के 25 राज्यों और 3 केंद्रशासित प्रदेशों में सर्वे किया, जिसके आधार पर यह पाया गया कि अब लोग निजी स्कूलों से सरकारी स्कूलों की तरफ रुख कर रहे हैं. वर्ष 2018 में निजी स्कूलों में 6 से 14 साल के बच्चों की हिस्सेदारी 32.5% थी, जो वर्ष 2021 में 24.4% रह गई. यह बदलाव सभी क्लासेस में देखा गया है. बिहार में करीब 3% वृद्धि सरकारी स्कूलों में नामांकन में हुई है, जो निजी स्कूलों के बंद होने या निजी स्कूलों की परेशानी की वजह से देखी गई है.