पटना:राजधानी पटना (Patna) में कोरोना वायरस (Corona Virus) की आरटीपीसीआर (RTPCR) जांच की फर्जी रिपोर्ट बनाने वाले एक बड़े गिरोह का खुलासा हुआ है. पटना एयरपोर्ट से दूसरे राज्यों में जाने वाले यात्रियों को दो-दो हजार रुपए में कोविड नेगेटिव की रिपोर्ट देने वाले इस गिरोह के कारनामे हैरान कर देने वाले हैं. हालांकि पुलिस ने फिलहाल इस गिरोह से जुड़े चार लोगों को गिरफ्तार कर अन्य लोगों की तलाश शुरू कर दी है.
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दरअसल बुधवार को पटना जिला प्रशासन की टीम ने राजा बाजार के प्लाज्मा डायग्नोस्टिक में छापेमारी के दौरान लैब मालिक समेत कई कर्मचारियों के खिलाफ शास्त्री नगर थाने में मामला दर्ज करवाया है. बताया जाता है कि कुछ दिन पहले ही पटना एयरपोर्ट अथॉरिटी ने फर्जी कोरोनावायरस जांच रिपोर्ट के सहारे हवाई यात्रा कर रहे यात्रियों की शिकायत पटना जिला अधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह से की थी. एयरपोर्ट के अधिकारियों ने यह जानकारी दी थी कि हवाई यात्रा के दौरान लोग फर्जी आरटीपीसीआर परीक्षण रिपोर्ट साथ में लेकर आ रहे हैं.
सिविल सर्जन विभा सिंह का बयान पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी ने पटना एयरपोर्ट पर फर्जी आरटीपीसीआर प्रशिक्षण रिपोर्ट रैकेट की जांच के लिए जांच टीम का गठन किया. जांच टीम ने विभिन्न सूत्रों से प्राप्त जानकारी के आधार पर पटना जिला प्रशासन की टीम ने बुधवार को शास्त्री नगर थाना क्षेत्र के राजा बाजार स्थित प्लाज्मा डायग्नोस्टिक में छापेमारी की. जांच के क्रम में पाया गया कि प्लाज्मा डायग्नोस्टिक वास्तव में क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत निबंधित भी नहीं है. साथ ही इस डायग्नोस्टिक सेंटर से हवाई यात्रा करने वाले लोगों को जांच रिपोर्ट और पैसे की रशीद भी बरामद की गई है. जिनके खिलाफ पटना जिला प्रशासन को साक्ष्य मिले हैं, उनमें सरल पैथ लैब, जनरल डायग्नोस्टिक, इंटरनेशनल हिंद लैब और डायग्नोस्टिक सेंटर शामिल हैं.
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वहीं, इस बाबत अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अविनाश कुमार सिंह के आवेदन के आधार पर पटना के शास्त्री नगर थाने में प्लाज्मा डायग्नोस्टिक सेंटर के मालिक और कर्मियों के विरुद्ध फर्जीवाड़े का मामला दर्ज कर लिया गया है. पटना के सिविल सर्जन के अनुसार लैब संचालकों और कर्मियों की जल्द गिरफ्तारी भी की जाए, इसका अनुरोध भी शास्त्री नगर थाने की टीम से किया गया है. इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए सिविल सर्जन विभा सिंह ने बताया कि आरोपी पर एपिडेमिक एक्ट के तहत कठोर कार्रवाई करने की अनुशंसा स्वास्थ्य विभाग की ओर से कर दी गई है.