पटना: बिहार में जमीन विवाद (Land Dispute in Bihar) एक ऐसा मुद्दा है जिसमें हत्या तक हो जाती है. जमीन विवाद सिर्फ बिहार नहीं पूरे देश का मसला बन गया है. बिहार में हत्या, अपहरण की धमकी और हत्या के प्रयास जैसे गंभीर अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए जमीन विवाद को नियंत्रित करने पर खासतौर पर फोकस किया जा रहा है. जमीन विवाद को लेकर नीतीश कुमार चिंता जता चुके हैं. राज्य सरकार के निर्देशानुसार पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों को निर्देश दिया है कि थाना स्तर पर सप्ताह में एक दिन, अनुमंडल स्तर पर 15 दिन और जिला स्तर पर महीने में 1 दिन जमीन से जुड़े मामलों पर बैठक कर विवाद करने पर सही तरीके से किया जाए.
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दोनों पक्षों की बातों को समुचित तरीके से सुनकर उचित फैसला नहीं दिया जाता है. इस वजह से जमीन विवाद के मामले आगे बढ़ रहे हैं. पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार की मानें तो लगातार भूमि विवाद के मामलों का निपटारा हेतु बिहार पुलिस और जिला प्रशासन मिलकर संयुक्त उचित कार्रवाई कर रहा है. ज्यादातर मामलों का निष्पादन किया जा रहा है. कुछ मामलों में कुछ कठिनाइयों की वजह से मामले लंबित पड़े हुए हैं. उन्हें भी जल्द से जल्द निपटारा हेतु निर्देश दिया गया है. कुछ मामले को सॉल्व करने में दिक्कत आती है. ऐसे में किसी तरह की घटना ना घटित हो उस पर भी नजर रखने का निर्देश दिया गया है. उम्मीद है जल्द से जल्द भूमि विवाद जैसे मामलों का निपटारा किया जाएगा.
सिर्फ साल 2021 में जुलाई माह तक 5172 मामले लंबित थे. वहीं, 6 महीने में यह घट कर 4605 पर पहुंच गया है. यानी 6 महीने में महज 567 मामलो में कमी आई है. इससे यह स्पष्ट हो रहा है कि थाना और अनुमंडल स्तर पर सुनवाई के बाद भी मामले निष्पादित होने का नाम नहीं ले रहे हैं. जमीन विवाद से जुड़े कई मामले 1 या 2 वर्ष ही नहीं बल्कि 50 या 60 वर्षों से चलते आ रहे हैं.