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भूमि विवाद से जुड़े करीब 4600 मामले हैं लंबित, पुलिस मुख्यालय ने जल्द निपटारे का दिया निर्देश - etv bharat

बिहार में जमीन से संबंधित विवाद (land related dispute in bihar) का सिलसिला काफी पुराना है. सर्वाधिक मामले इसी से जुड़े होते हैं. जमीन विवाद के चलते बात मारपीट से हत्या तक पहुंच जाती है. इसलिए मामले भी काफी लंबित रहते हैं. इसे देखेत हुए पुलिस मुख्यालय ने लंबित मामलों के निष्पादन का जल्द करने का निर्देश दिया है.

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Published : Jan 5, 2022, 4:36 PM IST

पटना: बिहार में जमीन विवाद (Land Dispute in Bihar) एक ऐसा मुद्दा है जिसमें हत्या तक हो जाती है. जमीन विवाद सिर्फ बिहार नहीं पूरे देश का मसला बन गया है. बिहार में हत्या, अपहरण की धमकी और हत्या के प्रयास जैसे गंभीर अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए जमीन विवाद को नियंत्रित करने पर खासतौर पर फोकस किया जा रहा है. जमीन विवाद को लेकर नीतीश कुमार चिंता जता चुके हैं. राज्य सरकार के निर्देशानुसार पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों को निर्देश दिया है कि थाना स्तर पर सप्ताह में एक दिन, अनुमंडल स्तर पर 15 दिन और जिला स्तर पर महीने में 1 दिन जमीन से जुड़े मामलों पर बैठक कर विवाद करने पर सही तरीके से किया जाए.

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दोनों पक्षों की बातों को समुचित तरीके से सुनकर उचित फैसला नहीं दिया जाता है. इस वजह से जमीन विवाद के मामले आगे बढ़ रहे हैं. पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार की मानें तो लगातार भूमि विवाद के मामलों का निपटारा हेतु बिहार पुलिस और जिला प्रशासन मिलकर संयुक्त उचित कार्रवाई कर रहा है. ज्यादातर मामलों का निष्पादन किया जा रहा है. कुछ मामलों में कुछ कठिनाइयों की वजह से मामले लंबित पड़े हुए हैं. उन्हें भी जल्द से जल्द निपटारा हेतु निर्देश दिया गया है. कुछ मामले को सॉल्व करने में दिक्कत आती है. ऐसे में किसी तरह की घटना ना घटित हो उस पर भी नजर रखने का निर्देश दिया गया है. उम्मीद है जल्द से जल्द भूमि विवाद जैसे मामलों का निपटारा किया जाएगा.

जितेंद्र सिंह गंगवार, एडीजी पुलिस मुख्यालय

सिर्फ साल 2021 में जुलाई माह तक 5172 मामले लंबित थे. वहीं, 6 महीने में यह घट कर 4605 पर पहुंच गया है. यानी 6 महीने में महज 567 मामलो में कमी आई है. इससे यह स्पष्ट हो रहा है कि थाना और अनुमंडल स्तर पर सुनवाई के बाद भी मामले निष्पादित होने का नाम नहीं ले रहे हैं. जमीन विवाद से जुड़े कई मामले 1 या 2 वर्ष ही नहीं बल्कि 50 या 60 वर्षों से चलते आ रहे हैं.

ऐसा ही एक मामला नालंदा जिले के बिहार शरीफ का है. बिहार शरीफ न्यायालय में सबसे पुराने लंबित मामले का निपटारा 23 नवंबर 2021 को जिला जज रमेश चंद्र द्विवेदी द्वारा किया गया है. मामले के अनुसार 1969 में वासुदेव प्रसाद ने कोर्ट में जमीन का टाइटल केस दाखिल किया था. इस मामले में जिला जज ने त्वरित कार्रवाई करते हुए निर्णय दिया. इस वजह से मामले का निष्पादन करते हुए समाप्त कर दिया गया. इस तरह से 52 वर्षों से लंबित मामलों का समापन हुआ और दोनों न्यायालय के पक्ष से संतुष्ट भी हुए.

बिहार में कुछ जमीन के मामले ऐसे भी हैं जिसमें सरकारी जमीन पर भू माफियाओं की नजर बनी हुई है. साल 2006 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा जनता के दरबार कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी. जिसमें ज्यादातर मामले भूमि विवाद से जुड़े आते थे. इस पर विचार कर कानून बनाया गया है. भूमि विवाद के समय कई कदम उठाए गए. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का मानना था कि 60 परसेंट से ज्यादा क्राइम भूमि विवाद के कारण होते हैं.

भूमि विवाद के कारण बढ़ रहे मामलों को देखते हुए बिहार सरकार ने निर्णय लिया है कि डिजिटल मशीन से जमीन की मापी की कराई जाएगी. इसके साथ-साथ स्पेशल सर्वे का कार्य भी कराया जाएगा जिससे भूमि विवाद को लेकर कम से कम झगड़े से लोगों का कल्याण होगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भी मानना है कि राज्य की आबादी ज्यादा है और क्षेत्रफल कम है. इस वजह से यहां की परिस्थिति दूसरे राज्यों से अलग है. यही कारण है कि जमीन को लेकर ज्यादा विवाद होता है और यही राज्य के क्राइम का मुख्य कारण है.

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