पटना: केरल, तमिलनाडु, बेंगलुरु और महाराष्ट्र समेत देश के कई राज्यों में हाल के दिनों में कोरोना (Corona) के मामले तेजी से बढ़ने शुरू हुए हैं. ऐसे में कोरोना वायरस के संक्रमण (Corona Infection) की रफ्तार और तीसरी लहर (Third Wave of Corona) की आशंका को देखते हुए बिहार सरकार अलर्ट मोड पर है. बिहार में बच्चों को लेकर अस्पतालों में विशेष तौर पर तैयारी की जा रही है. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे (Health Minister Mangal Pandey) ने प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में 10% बेड बच्चों के लिए रिजर्व रखने का आदेश दिया है.
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प्रदेश के अस्पतालों में जितने भी पीकू वार्ड (PICU Ward) हैं, उन्हें कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए पूरी तरह तैयार किया जा रहा है. बताते चलें कि कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों पर सबसे अधिक खतरे की आशंका जतायी जा रही है. ऐसे में उन्हें विशेष देखभाल की जरूरत है. मंगल पांडे ने गुरुवार देर शाम आदेश जारी किया कि राज्य के 35 जिलों व 8 मेडिकल कॉलेजों में संचालित नीकू में 10% बेड कोरोना वायरस से संक्रमित बच्चों की देखभाल के लिए सुरक्षित किए जाएं. इसके साथ ही सभी बेडों पर ऑक्सीजन की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाए.
स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि सामुदायिक स्तर पर कोरोना के बेहतर प्रबंधन के लिए आशा, एएनएम, आरबीएसके टीम को राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणाली संस्थान केंद्र, नई दिल्ली द्वारा प्रशिक्षित किया जा रहा है. यह प्रशिक्षण शुक्रवार 27 अगस्त तक पूरा हो जाएगा. राज्य के 11 जिलों में पीकू वार्ड का संचालन हो रहा है. जिसमें पूर्वी चंपारण, नवादा, सारण, गोपालगंज, समस्तीपुर, औरंगाबाद, गोपालगंज, जहानाबाद, वैशाली और सिवान शामिल हैं.
इसके अलावा सभी मेडिकल कॉलेज में पीकू वार्ड चल रहे हैं. जिन अस्पतालों में बच्चों के लिए वार्ड नहीं है, वहां नए वार्ड बनाने का कार्य चल रहा है. अस्पतालों में बेड के साथ आईसीयू (ICU) और वेंटिलेटर की सुविधा भी बढ़ाई जा रही है. तीसरी लहर में बच्चों पर खतरे की आशंका को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने दावा किया है कि इसको लेकर पहले से ही तैयारी पूरी कर ली गई है. कोरोना संक्रमित बच्चों को उच्चस्तरीय चिकित्सा सेवा प्रदान करने के लिए राज्य के मेडिकल कॉलेजों के शिशु रोग विशेषज्ञों को नई दिल्ली में प्रशिक्षित किया गया है.