नालंदा: बिहार के नालंदा जिले में रविवार को राजगीर रेलवे स्टेशन पर राजगीर फतुहा सवारी गाड़ी बेपटरी (Rajgir Fatuha passenger train derailed) हो गई थी. इस घटना में न ही ट्रेन को कोई नुकसान हुआ था और ना ही उसमें सवार यात्री को कुछ हुआ था. ट्रेन के बेपटरी होने के बावजूद एक बड़ा हादसा होने से टल (Major train accident averted in Nalanda) गया था. नालंदा ट्रेन डिरेल मामले में जांच में सामने आया कि लापरवाही के कारण पेसेंजर ट्रेन बेपटरी हो गई थी.
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राजगीर-फतुहा सवारी गाड़ी के बेपटरी होने की जानकारी मिलने के बाद दानापुर डिवीजन के रेल मंडल प्रबंधक प्रभात कुमार अपने दल बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और हादसे के कारणों का पता लगाने में जुट गए. जांच में सामने आया कि ट्रेन को रोकने के लिए लगाई गई लकड़ी की तख्ती को हटाया नहीं गया था. इसी कारण पैसेंजर ट्रेन की दो बोगियां बेपटरी हो गई थी. प्रबंधक ने ऑन ड्यूटी रेलवे गार्ड को सस्पेंड कर दिया. साथ ही राजगीर स्टेशन के स्टेशन मास्टर को भी निलंबित कर दिया गया.
बता दें कि रविवार को राजगीर-फतुहा सवारी गाड़ी राजगीर से निर्धारित समय पर खुली थी. ट्रेन स्टेशन से महज 40 फिट आगे बढ़ी ही थी कि वो डिरेल हो गई थी, जिसमें दो बोगी बेपटरी हो गई थी. चक्के के नीचे लकड़ी का गुटका रखा रहने के कारण यह हादसा हुआ था. हालांकि, किसी भी प्रकार के जानमाल का नुकसान नहीं हुआ था. हादसे के बाद इस ट्रेन के सभी यात्रियों को दूसरी ट्रेन से पटना भेजा गया था.
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