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नीतीश कुमार की लोकप्रियता से मानसिक संतुलन खो चुके हैं बीजेपी नेता- श्रवण कुमार

Minister Shravan Kumar ने नालंदा पहुंचकर बीजेपी के नेताओं पर कटाक्ष किया है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की लोकप्रियता से घबराकर मानसिक संतुलन खो चुके हैं. पढ़ें पूरी खबर..

बीजेपी के नेताओं पर कटाक्ष
बीजेपी के नेताओं पर कटाक्ष

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Published : Sep 7, 2022, 9:29 AM IST

Updated : Sep 7, 2022, 10:41 AM IST

नालंदा: बिहार के नालंद में बिहार सरकार के मंत्री श्रवण कुमा (Minister Shravan Kumar) ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के दिल्ली जाने से बीजेपी के नेता बौखला (Shravan Kumar Attack On BJP In Nalanda) गए हैं. बीजेपी के नेता मानसिक संतुलन खो बैठे हैं. तिलमिला कर बीजेपी के लोग कुछ से कुछ बयान दे रहे हैं. इस तरह की बयानबाजी से बीजेपी के नेताओं को समीक्षा करनी चाहिए, कि उनकी कितने राज्यों में सरकार है. कुछ राज्यों में फरेब कर के बीजेपी वाले सरकार बनाएं हैं. 2024 में जब 50 से 60 एमपी हटाएंगे तो इन लोगों की बोलती बंद हो जाएगी.

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बीजेपी के खिलाफ सभी को एकजुट करना पहली प्राथमिकताःनीतीश कुमार के प्रधानमंत्री बनने की तैयारी वाले सवाल पर श्रवण कुमार ने कहा कि बीजेपी के नेता अभी मुगालफत में जी रहे हैं. एक पुरानी कहावत है कि 'कभी-कभी तिनका से भी घड़ा फूट जाता है'. नीतीश कुमार के दिल्ली जाने से भारतीय जनता पार्टी के लोग बौखला गए हैं. 2024 में सिर्फ दिल्ली या लाल किले पर कब्जा नहीं होगा, बल्कि अन्य राज्यों से भी बीजेपी का सफाया होगा. आगे उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार प्रधानमंत्री पद के लालच में नहीं हैं, लेकिन जो अभी देश की परिस्थिति है, उसको देखते हुए एकजुट होने की जरूरत है. नीतीश कुमार इसी के लिए दिल्ली गए हैं और सभी नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं. इसके साथ आज की रणनीति तैयार की जाएगी कि 2024 के लिए क्या करना चाहिए. पहली प्राथमिकता है, सभी को एकजुट करना. उसके बाद प्रधानमंत्री का चेहरा कौन होगा, यह तय होगा.

बिहार की कोई मांग पूरी नहीं हुईः बिहार में बदले हुए सियासी समीकरण के परिपेक्ष्य में श्रवण कुमार ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की बात हो या फिर जन सरोकार से जुड़े मुद्दों की बात हो, उसमें सिर्फ भाषणबाजी से काम नहीं होता है. जनता सब समझती है और आने वाले समय में इससे बेहतर जवाब देगी. बिहार मॉडल का जिक्र जब प्रधानमंत्री यहां आकर करते हैं कि, सारे राज्यों में यहां के मॉडल को लागू करेंगे, तो दूसरे राज्यों की सरकार भी यहां का मॉडल लागू करने की बात करती है. जब इनसे विशेष राज्य का दर्जा मांगा जाता है तो वे कुछ नहीं बोलते हैं. इसलिए इन्हें यह बोलने का कोई हक नहीं है.

आरसीपी सिंह ने बिहार के किसी मुद्दे पर बात नहीं कीः दिल्ली में आरसीपी सिंह मंत्री बनकर पहुंचे तो एक मामले में भी राज्य सरकार का समर्थन नहीं किया. चाहे विशेष राज्य का दर्जा हो या कल कारखाना खुलवाने का मसला हो या फिर जाति आधारित जनगणना का मसला हो. किसी पर न तो जवाब दिया, न ही सरकार का समर्थन किया. प्रधानमंत्री पटना आए तो उनसे पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा मांगा गया, लेकिन कुछ नहीं हुआ.

''बीजेपी के नेता अभी मुगालफत में जी रहे हैं. 'कभी-कभी तिनका से भी घड़ा फूट जाता है'. यह एक पुरानी कहावत है. जब हमलोग इनके साथ होतो हैं तो इनका मनोबल बढ़ा रहता है और देश में सीटें भी निकलने लगती है. वहीं जब हमलोग इनके साथ हट जाते हैं तो येलोग तिलमिलाने लगते हैं. नीतीश कुमार सिर्फ एक बार दिल्ली गए हैं और सभी विपक्षी दलों से मिल रहे हैं तो बीजेपी में बेचैनी बढ़ेगी '' -श्रवण कुमार, मंत्री, बिहार

Last Updated : Sep 7, 2022, 10:41 AM IST

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