नालंदा:सब्जी के उत्पादन व बिक्री को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सहकारिता विभाग के माध्यम से नालंदा के प्रत्येक प्रखंड में प्राइमरी वेजिटेबल कोऑपरेटिव सोसायटी (पीवीसीएस) बनाई गई है. इस सोसाइटी के सदस्य किसानों द्वारा उत्पादन किए गए सब्जियों का क्रय समिति के माध्यम से किया जा रहा है.
बता दें कि अधिक मात्रा में सब्जी होने पर समिति के माध्यम से राज्य स्तरीय यूनियन को बिक्री हेतु उपलब्ध कराया जाना है. वहीं, कम मात्रा में सब्जी की बिक्री समिति के माध्यम से स्थानीय सब्जी मंडी में किया जाना है. लेकिन जिले के 20 प्रखंड में से 9 प्रखंड अस्थावां, बिंद, एकंगर सराय, गिरियक, कतरी सराय, नगरनौसा, रहुई, सरमेरा और थरथरी के पीवीसीएस की ओर से अभी तक किसी भी प्रकार की सब्जी की बिक्री नहीं की गई है.
डीएम ने दिया वेतन रोकने का आदेश
डीएम ने सब्जी की खरीद नहीं होने पर नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने सभी संबंधित प्रखंडों के प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी को आगामी 5 दिनों के अंदर लक्ष्य के अनुरूप बिक्री सुनिश्चित करने और अन्य प्रखंडों के बीडीओ को अपेक्षित सुधार लाने का निर्देश दिया. जिन प्रखंडों में अभी तक बिक्री प्रारंभ नहीं हुई है, उन सभी प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी के वेतन निकासी को अपेक्षित सुधार लाने की अवधि तक रोकने करने का निर्देश दिया गया है.
सत्यापन कार्य में तेजी लाने का निर्देश
जिलाधिकारी ने जिला सहकारिता पदाधिकारी को सभी प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों के साथ नियमित समीक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. साथ ही 14 प्रखंडों में पीवीसीएस के लिए जमीन की उपलब्धता हेतु संबंधित अंचलाधिकारी से समन्वय स्थापित कर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. फसल सहायता योजना के लिए किसानों के सत्यापन कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया गया. इसके लिए कृषि विभाग के प्रखंड कृषि पदाधिकारी, कृषि समन्वयक और किसान सलाहकारों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक करने का निर्देश जिला सहकारिता पदाधिकारी को दिया गया है.