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खेत बेचकर इलाज करा रहे नालंदा के शिक्षक से साइबर ठगी, एक्टर सोनू सूद का मैनेजर बनकर उड़ाई रकम

नालंदा में एक शिक्षक को साइबर ठगों ने ठग (cyber Fraud with teacher in Nalanda) लिया. नालंदा के इस शिक्षक को अभिनेता सोनू सूद से मदद मांगना महंगा पड़ गया. सोनू सूद के मैनेजर बन कर साइबर ठगों ने कॉल कर युवक के बैंक अकाउंट को खाली कर दिया. पढ़ें पूरी खबर...

नालंदा में एक शिक्षक को साइबर ठगों ने ठगा
नालंदा में एक शिक्षक को साइबर ठगों ने ठगा

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Published : Jun 26, 2022, 8:50 PM IST

नालंदा:बिहार के नालंदा में प्रसिद्ध अभिनेता सोनू सूद(Actor Sonu Sood) के नाम पर ठगी का मामला सामने आया है. बीमार शिक्षक को अपने इलाज के लिए मदद मांगना महंगा पड़ गया. साइबर ठग ने उनके एकाउंट को खाली कर दिया. घटना बिहार थाना क्षेत्र द्वारका नगर मोहल्ले का है. पीड़ित शिक्षक शुभम कुमार पिछले एक साल से फेफड़ा के गंभीर बीमारी से जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं. उन्होंने बताया कि वर्ष 2021 में कोरोना संक्रमित होने के बाद उसका फेफड़ा पूरी तरह से संक्रमित हो गया है.

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'चेन्नई स्थित एमजीएम हेल्थकेयर में फेफड़ा के ट्रांसप्लांट के लिए 45 लाख रुपए की मांग किया है. तब से पैसे के अभाव में इलाज के लिए घर आया और ऑक्सीजन सपोर्ट पर बिहार शरीफ में किराए के मकान पर रह रहा हूं.'- शुभम कुमार, पीड़ित शिक्षक

साइबर ठगों ने शिक्षक को लगाया चूना : पीड़ित शिक्षक शुभम कुमार अपने इलाज के लिए राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री पीएम मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तक गुहार लगा चुके हैं. लेकिन किसी ने उसकी सुध नहीं ली. मदद की आस में बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद को ट्वीट कर उनसे इलाज की गुहार लगाई. शनिवार की देर शाम किसी अंजान शख्स ने खुद को सोनू सूद का मैनेजर बोलकर बात किया. फिर उसे एक लिंक भेज कर रजिस्ट्रेशन करने को कहा. जिसपर उन्हें कुछ शक हुआ तो एकाउंट से दो हजार रुपए छोड़कर सारा रुपए उन्होंने अपने भाई के अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया. दो हजार रुपए रहने के बाद उसने जब दिए गए लिंक को डाउनलोड कर रजिस्ट्रेशन की प्रकिया किया तो कुछ देर बाद उसके एकाउंट से वह रुपए भी गायब हो गये.

सोनू सूद के नाम पर साइबर ठगों ने ठगा : पीड़ित शिक्षक का उसके बाद माथा ठनका और अपने आप को ठगा महसूस किया. पीड़ित की मां की माने तो उनका पुत्र जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहा है. हर दिन 4 घण्टे ऑक्सीजन के सपोर्ट पर रखना पड़ता है. पुत्र के इलाज के लिए अपना खेत तक बेच चुकी हैं. घर का एकमात्र कमाऊ सदस्य उनका बड़ा पुत्र शुभम ही था, जो कोचिंग चलाकर अपने बुजुर्ग माता-पिता का भरण-पोषण करता था. उन्हें अपने पुत्र के इलाज के लिए किसी रहनुमा की जरूरत है जो उनके इलाज में मदद कर सकें.

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