मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर में हो रही बारिश (Rain in Muzaffarpur) के कारण पूरा शहर पानी-पानी हो गया है. अधिकांश सड़कों पर जलजमाव (Water logging) की स्थिति बन गई है. कुदरत की मार झेल रहे मुजफ्फरपुर के अन्नदाताओं की मुश्किलें भी कम होने का नाम नहीं ले रही है. बाढ़ से हुए फसल के नुकसान के सदमे से किसान अभी उबर भी नहीं पाए थे. वहीं पिछले एक सप्ताह से हो रही भारी बारिश ने किसानों की मुश्किल और बढ़ा दी है.
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ऊपरी इलाकों में लगी सब्जियों की खेती भी अब पानी की वजह से बर्बाद होने के कगार पर हैं. लगातार हो रही बारिश से हालात एक बार फिर बाढ़ जैसे हो गए हैं. सब्जियों से लदे खेत पानी से लबालब भर चुके हैं. किसानों को अपनी जमा पूंजी डूबने का डर सताने लगा है.
मुजफ्फरपुर से सटे कांटी और मीनापुर प्रखंड के कई इलाकों में हजारों हेक्टेयर में सब्जी की फसलें लगी हुई हैं. लेकिन बारिश की वजह से सब्जियां बर्बार हो रही हैं. ऐसे में किसान पानी में डूबे हुए खेतो से किसी तरह बची खुची सब्जियों को निकालने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं.
बारिश की वजह से बैंगन, भिंडी, लौकी, कद्दू, करेला, बरबटी, मिर्च,और खीरा की खेती सबसे अधिक प्रभावित हुई हैं. लगातार हो रही बारिश और खेतो में जलजमाव की वजह से ये सारी सब्जियां सड़ने लगीं हैं. किसानों की मानें तो बारिश के थमने और धूप निकलने के बाद अब अधिकांश सब्जियां सूख जाएंगी.
अपनी सारी जमा पूंजी अन्नदाताओं ने खेतों में लगा दी थी. ऐसे में अब किसानों को आमदनी का जरिया खत्म होता दिखाई दे रहा है. किसानों की माने तो अत्यधिक बारिश की वजह से इन सब्जियों की बेल सुख रही है. जिसके चलते सब्जियों की फसल पूरी तरह से खराब हो रही है. बारिश से हालत यह है कि लागत भी निकालना मुश्किल है.
जिले के ऊंचे जमीनी हिस्से में लगी 85 फीसदी से अधिक सब्जियों की खेती को पानी से नुकसान हुआ है. इस कारण सब्जियों की खेती करने वाले किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें उभर आई हैं. कांटी के सबसे बड़े सब्जी उत्पादक इलाके के रूप में मशहूर गोसाईपुर में बारिश से सबसे अधिक सब्जियों की खेती प्रभावित हुई है.