मुजफ्फरपुरः बिहार के मुजफ्फरपुर में मोतियाबिंद का ऑपरेशन असफल होने के कारण 25 से ज्यादा लोगों की आंखें खराब ( Many people Lost Eyes in Muzaffarpur ) हो गई. अस्पताल प्रशासन और डॉक्टरों की लापरवाही का नतीजा ये हुआ कि अब तक 7 लोगों की आंखें निकाली जा चुकी हैं. बाकी लोगों की आंखों में भी दर्द, जलन और दिखाई नहीं देने की समस्या अभी बरकरार है. ऐसे में SKMCH के नेत्र विभाग के डॉ.मनोज मिश्रा ने बताया कि आज आधा दर्जन और मरीजों की आंखें निकाली जाएंगी. आंख निकालने वाले मरीजों की संख्या बढ़कर 13 हो जाएगी.
ये भी पढ़ें : मुजफ्फरपुरः मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराए 25 लोगों की आंखें हुई खराब, निकालनी पड़ी 7 की आंखें
जिन लोगों की आंखें निकाली जा चुकी है, सोमवार तक उनकी संख्या 4 थी. मगर मंगलवार को ये संख्या बढ़कर 7 हो गई थी. हालांकि अभी कई मरीजों की आंखों की समस्या बरकरार है. ऐसे में एसकेएमसीएच के नेत्र विभाग के डॉ. मनोज मिश्रा ने बताया कि आज आधा दर्जन और मरीजों का ऑपरेशन कर आंखे निकाली जाएंगी. उन्होंने कहा कि इंफेक्शन बहुत ज्यादा बढ़ गया है, सभी लोगों की आंखें पूरी तरह खराब हो चुकी हैं.
वहीं अस्पताल की बड़ी लापरवाही के बाद राजनीति भी तेज हो गई है. विपक्षी पार्टियां स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही का आरोप लगा रही है. ऐसे में जाप सुप्रीमो और पूर्व सांसद पप्पू यादव आज मुजफ्फरपुर पहुंचेंगे. इस दौरान वे पीड़ित परिवार (Pappu Yadav Visit Muzaffarpur) के परिजनों से मुलाकात करेंगे.
ये भी पढ़ें : मुजफ्फरपुरः मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराए 25 लोगों की आंखें हुई खराब, निकालनी पड़ी 7 की आंखें
जिले के असिस्टेंट चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ. एसपी सिंह के अनुसार अब तक 13 लोगों की आंखें खराब हुई हैं. इनमें से 7 की आंखें निकाली गई हैं. वहीं आज आधा दर्जन और मरीजों की आज आंखें निकाली जाएगी. एसकेएमसीएच के नेत्र विभाग के डॉ. मनोज मिश्रा ने इंफेक्शन बहुत ज्यादा बढ़ गया है, इन लोगों की आंखें पूरी तरह खराब हो चुकी हैं.
वहीं इस पूरे मसले पर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने (Mangal Pandey on negligence) कहा कि हमारे संज्ञान में यह मामला आया है. वहां अधिकारी सारे विषयों को देख रहे हैं. मंत्री होने के नाते टिप्पणी तो तभी करूंगा जब विषय साक्ष्य के साथ आ जाए. यह जांच का विषय है. यदि किसी ने गलती की होगी तो वह बचेगा नहीं.
बता दें कि सोमवार को इस मामले पर सिविल सर्जन डॉ. विनय शर्मा ने भी टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा था "फोन से इसकी जानकारी मिली है. इसके लिए तीन सदस्यीय टीम गठित कर दी गई है. टीम में शामिल डॉक्टर दो दिनों के भीतर यह रिपोर्ट देंगे कि आखिर ऑपरेशन प्रोटोकॉल का पालन किसने नहीं किया या किस कारण से नहीं किया गया. इस मामले में जो भी दोषी होंगे उनपर कठोर कार्रवाई की जाएगी."
दरअसल, यह पूरा मामला जिले के जुरण छपरा स्थित आई हॉस्पिटल का है. बीते 22 नवंबर को अस्पताल में विशेष मोतियाबिंद ऑपरेशन का कैंप लगाया गया था. इस दौरान दर्जनों महिला-पुरुषों ने अपनी आंख का ऑपरेशन कराया. लेकिन डॉक्टरों के द्वारा लापरवाही (Negligence of Eye Hospital in Muzaffarpur) बरती गई लापरवाही ने उन्हें हमेशा के लिए अंधा बना दिया.
ये भी पढ़ें:27 नवंबर तक 1 करोड़ 53 लाख से ज्यादा घरों में कोरोना टीकाकरण का लक्ष्य: मंगल पांडे
ऐसी ही विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करेंETV BHARAT APP