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मुजफ्फरपुर में मौत का तमाशा: मुर्दे को जिंदा होते देखने के लिए जुटी भीड़, घंटों चला अंधविश्वास का खेल - etv bihar hindi news

मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) के मनियारी में अंधविश्वास का खेल घंटों तक चलता रहा. जहां एक भगत मुर्दे को झाड़फूंक कर जिंदा करने का दावा करता दिखाई दिया. मुर्दे को जिंदा होते देखने के लिए हजारों लोगों की भीड़ तमाशबीन की भूमिका में नजर आई. पढ़ें रिपोर्ट..

मुजफ्फरपुर
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Published : Oct 11, 2021, 6:06 PM IST

मुजफ्फरपुर:इंसान भले ही चांद पर पहुंच गया है, लेकिन अभी भी विज्ञान के इस युग में अंधविश्वास (Superstition) का खेल बदस्तूर जारी है. यही वजह है कि आज भी मृत व्यक्ति को जिंदा करने के लिए लोग झाड़-फूंक करने से पीछे नहीं हटते हैं. ऐसा ही एक मामला मुजफ्फरपुर(Muzaffarpur) के मनियारी में सामने आया है, जहां घंटों अंधविश्वास का खेल चलता रहा.

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दरअसल, मुजफ्फरपुर के मनियारी गांव में घंटों झाड़ फूंक का खेल देखने को मिला, जहां बीमारी के चलते एक शख्स की मौत हो गई थी. मृतक को जिंदा करने के लिए गांव के श्मसान में कई घंटों तक झाड़ फूंक का खेल चलता रहा. इस दौरान हजारों की भीड़ इस मामले में तमाशबीन की भूमिका में दिखी. मौके पर एक भगत मृत शख्स को जिंदा करने को लेकर तमाम तंत्र मंत्र का प्रयोग करते नजर आया. यह अलग बात रही कि घंटों चली मशक्कत के बाद भी नतीजा शून्य ही रहा.

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ये शव मुजफ्फरपुर के मनियारी थाना क्षेत्र के महंथ मनियारी गांव के मोनू पंडित का है. मोनू की रविवार को मौत हो गई थी. परिजन शव को दाह संस्कार के लिए श्मशान लेकर पहुंचे तो उन्हें किसी ने बताया कि अगर पूजा पाठ और झाड़ फूंक की जाए तो मोनू जिंदा हो सकता है. इतना सुनते ही परिजनों ने शव को चिता से हटाया और झाड़ फूंक शुरू कर दी. देखते ही देखते ये खबर पूरे इलाके में आग की तरह फैल गई और मुर्दे को जिंदा होते देखने की आस में सैंकड़ों लोगों की भीड़ जमा हो गई.

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बता दें कि मनियारी गांव के मोनू पंडित की रविवार को मौत हो गई थी, जिसके बाद सुबह परिजन शव का अंतिम संस्कार करने के लिए श्मसान पहुंच गए. इसी बीच परिजनों को किसी ने बहका दिया था कि इस मौत का कारण तंत्र मंत्र है. फिर क्या था परिजन शव को जलाने के बजाय झाड़ फूंक में जुट गए. वहीं, तंत्र मंत्र करने वाला भगत भी अपने दावे से मुकरता नजर आया. उसने कहा कि वक्त बहुत ज्यादा हो चुका है अब उम्मीद नहीं है. घंटों चले इस तमाशे के बाद ग्रामीणों के समझाने के बाद परिजन अंत में शव को जलाने को तैयार हुए.

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