मुजफ्फरपुर: कोरोना महामारी (Corona Epidemic) का असर पूरी दुनिया पर पड़ा है. करोड़ों लोगों की रोजी-रोटी पर संकट खड़ा हो गया है, उन्हीं में शिल्पकार भी शामिल हैं. इनलोगों को पूरे दो साल कोरोना की मार झेलनी पड़ी. लेकिन अब पर्व त्योहार के मौके पर मंदिरों और पूजा पंडाल में पूजा करने की अनुमति के बाद एक बार फिर से मूर्ति निर्माण से जुड़े शिल्पकारों को आस बंधी है. शुक्रवार को होने वाले भगवान विश्वकर्मा पूजा (Vishwakarma Puja) के लिए इन्हें मूर्तियों के ऑर्डर मिल रहे हैं.
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कोरोना का असर कम होने से लंबे अरसे से बंद पड़े मूर्तिकला निर्माण से जुड़े बाजारों की रौनक लौटने लगी है. कोरोना को लेकर सभी प्रतिबंध खत्म होने के बाद से मूर्तिकार एक बार फिर अपने मूर्तिकला व्यवसाय से जुड़ गए हैं. यही वजह है कि इस बार बड़ी संख्या में मूर्तिकारों ने देव शिल्पी भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति को तैयार कर अपने काम का आगाज कर दिया है.
"पूरे दो साल तो मूर्ति पूजा नहीं होने से हमें परेशानी उठानी पड़ी. लेकिन अब एक बार फिर से पंडालों में पूजा हो रही है ऐसे में हमें ऑर्डर भी मिल रहे हैं. उत्साहित हैं हम दाम भी ठीक मिल रहा है. जो भी नुकसान होमलोग सहे हैं उसका धीरे धीरे भरपाई हो जाएगा."- सुधीर कुमार,
शिल्पकार
वहीं इस बार बाजार में विश्वकर्मा पूजा को लेकर मूर्तियों की मांग भी बढ़ी है. ऐसे में अब मूर्तिकारों के चेहरे पर रौनक लौटने लगी है. हालांकि मूर्तिकारों की मानें तो इस कारोबार में उन्हें पिछले दो वर्षों से काफी नुकसान उठाना पड़ा है,लेकिन अब विश्वकर्मा पूजा से एक नई उम्मीद जगी है. इन लोगों को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में इस कारोबार की खोई हुई रौनक लौट आएगी. मूर्तिकारों को उम्मीद है कि अब बाजार के खुलने से उन्हें खरीदार मिल पाएंगे.