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Muzaffarpur Shelter Home Case: बढ़ी ब्रजेश ठाकुर की मुश्किलें, एक और मामले में चार्जशीट दाखिल - ईटीवी न्यूज

बालिका गृह कांड में तिहाड़ जेल में बंद ब्रजेश ठाकुर (Brajesh Thakur in Muzaffarpur Shelter Home Case) पर पुलिस ने स्वाधार गृह कांड में चार्जशीट दाखिल की है. इसमें स्वाधार गृह में आवासित 11 महिलाएं और चार बच्चों को गायब करने का आरोप है. पढ़ें पूरी खबर.

Brajesh Thakur in Muzaffarpur Shelter Home Case
Brajesh Thakur in Muzaffarpur Shelter Home Case

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Published : May 1, 2022, 8:04 AM IST

मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुरबालिका गृह कांड (Muzaffarpur Shelter Home Case) में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे ब्रजेश ठाकुर पर महिला थानेदार नीरू कुमारी ने ब्रजेश ठाकुर पर विशेष एससी-एसटी कोर्ट में स्वाधार गृह कांड में चार्जशीट दाखिल (Chargesheet filed against Brajesh Thakur) की है. इसमें स्वाधार गृह में आवासित 11 महिलाएं और चार बच्चों को गायब कर देने का आरोप है. ब्रजेश ठाकुर पर पुलिस जांच में इस आरोप की पुष्टि हुई है. तिहाड़ जेल में बंद ब्रजेश ठाकुर पर धारा 188, 363, 366 ए, 406, 409, 420, 467, 468 120बी में आरोप पत्र दाखिल किया गया है.

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सरकारी फंड के गबन पर छानबीन: पुलिस ने कोर्ट को यह भी बताया है कि जांच में स्वाधार गृह के डॉ. आरएस ठाकुर, अधीक्षिका अफसाना खातून, सचिव रमेश कुमार, काउंसलर पूनम देवी और क्लर्क एके सिंह के खिलाफ भी साक्ष्य पाए गए हैं. इन पांचों की गिरफ्तारी के बाद अलग से पूरक चार्जशीट दायर की जाएगी. जिला बाल संरक्षण इकाई के तत्कालीन सहायक निदेशक दिवेश शर्मा समेत अन्य कर्मियों के खिलाफ स्वाधार गृह के नाम पर सरकारी फंड के गबन के बिंदू पर छानबीन चल रही है.

बनाये गये 8 गवाह: इससे पहले महिला थाने की पुलिस ब्रजेश ठाकुर की राजदार साइस्ता परवीन उर्फ मधु, ब्रजेश ठाकुर के एक रिश्तेदार रामानुज ठाकुर और कृष्णा पर तीन साल पहले 16 जनवरी 2019 को चार्जशीट दायर कर चुकी है. इसमें रामानुज ठाकुर की मौत हो गयी है. इस चार्जशीट में आठ लोगों को गवाह बनाया गया है. पुलिस की अर्जी पर मामले में कोर्ट ने सुनवाई करते हुए तिहाड़ जेल में बंद मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर की बीते 9 मार्च को कोर्ट में ऑनलाइन पेशी कराई थी.

चार साल पहले हुई थी प्राथमिकी: जिला बाल संरक्षण इकाई के तत्कालीन सहायक निदेशक दिवेश शर्मा ने 30 जुलाई 2018 को नगर थाने में एफआइआर दर्ज कराई थी. पुलिस ने जांच में स्पष्ट किया गया है कि बालिका गृह की तरह ही ब्रजेश ठाकुर की एनजीओ स्वाधार गृह का संचालन करा रही थी. जनवरी माह में एसडीओ के नेतृत्व में डीसीएलआर पूर्वी ने स्वाधार गृह का निरीक्षण किया था.

11 महिलाएं और चार बच्चों का नहीं मिला सुराग: इसमें गृह में 11 महिलाएं और चार बच्चों के आवासित होने का रिकॉर्ड दिखाया गया. एफआइआर में कहा गया है कि जब बालिका गृह की जांच के बाद स्वाधार गृह का निरीक्षण किया गया तो वहां ताला बंद मिला था. आवास में पहले से रह रहीं 11 महिलाएं और उनके चार बच्चों का कोई सुराग नहीं मिला. इस मामले में आखिरकार पुलिस ने कोर्ट में अपना चार्जशीट जमा कर दिया है. अन्य आरोपितों को शीघ्र ही गिरफ्तार किया जाएगा। योजना की राशि गबन में सरकारी कर्मियों की संलिप्तता की जांच की जाएगी.

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