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ग्राउंड रिपोर्ट : सुनिए बाढ़ पीड़ितों का दर्द, बोले- भूखे पेट सोना पड़ता है

स्थानीय ग्रामीण रवि महतो ने बताया कि सरकार की तरफ से कोई भी मदद नहीं की गई है. राशन पानी नहीं होने के चलते, भूखे पेट सोना पड़ता है. वहीं, तुलिया देवी ने बताया कि मदद के नाम पर प्रशासन की ओर से केवल एक पन्नी ही दी गई है.

कटिहार बाढ़

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Published : Oct 4, 2019, 9:00 AM IST

कटिहार: गंगा और कोसी नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण जिले में आई बाढ़ ने विकराल रूप धारण कर लिया है. इसकी वजह से हजारों परिवार अपना घर छोड़कर सड़कों पर रहने को मजबूर हैं. सरकार की ओर से किसी भी प्रकार की मदद नहीं मिलने के कारण बाढ़ पीड़ितों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

तीन लाख की आबादी प्रभावित
कटिहार जिला दूसरी बार बाढ़ का दंश झेल रहा है. इस बार बाढ़ से जिले के बरारी, कुर्सेला, मनिहारी और अमदाबाद प्रखंड बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. जबकि तीन अन्य प्रखंड आंशिक रूप से प्रभावित हैं. वहीं, सरकारी आंकड़ों के अनुसार साढ़े तीन लाख की आबादी सीधे तौर पर प्रभावित हुई है.

सड़क किनारे बनाया आशियाना, भूखे पेट सो रहे बाढ़ पीड़ित

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भूखे पेट सो रहे बाढ़ पीड़ित
स्थानीय ग्रामीण रवि महतो ने बताया कि सरकार की तरफ से कोई भी मदद नहीं की गई है. राशन पानी नहीं होने के चलते, भूखे पेट सोना पड़ता है. वहीं, तुलिया देवी ने बताया कि मदद के नाम पर प्रशासन की ओर से केवल एक पन्नी ही दी गई है. उन्होंने बताया कि यहां कुछ ही कम्युनिटी किचेन चल रहे हैं. वो भी काफी दूर हैं. जिसकी वजह से भूखे रहने को मजबूर हैं.

समस्या बताती महिला

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