कटिहार: सरकार के तरफ से किसानों के लिए तमाम तरह के दावे किए जाते हैं. लेकिन कटिहार के किसान खुले बाजारों से ऊंची कीमतों में उर्वरक खरीद रहे हैं. हालांकि अधिकारी उर्वरक की कमी से साफ इनकार करते हैं.
जैसे-जैसे जुलाई महीने की तारीख बढ़ रही है, वैसे-वैसे धान की रोपनी में तेजी पकड़ती जा रही है. धान की रोपनी को लेकर किसान बाजार से ऊंचे कीमतों पर खाद खरीद रहे हैं. ईटीवी भारत को गेराबाड़ी के किसान ने बताया कि सरकारी खाद आस-पास उपलब्ध नहीं है. लिहाजा उंचे कीमतों पर खाद खरीद कर खेतों में डाल रहे हैं. इस इलाके में किसान सलाहकार भी नहीं है.
प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है खाद
इस संदर्भ में जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि खाद प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है. सरकार द्वारा निर्धारित दर आसानी से उपलब्ध है. किसानों के लिए चिंता का कोई बात नहीं है. डिमांड पर खाद का डिस्ट्रीब्यूशन भी हो रहा है. चूंकि अभी जुलाई का पहला सप्ताह चल रहा है. धान की रोपनी भी शुरू नहीं हुई है. ऐसे में खाद का डिस्ट्रीब्यूशन भी अभी नहीं हो रहा है. जैसे-जैसे रोपनी अपना रफ्तार पकड़ेगी खाद का सप्लाई भी किसानों तक पहुंचेगा.
ईटीवी भारत संवादाता की रिपोर्ट धान के सीजन में होता है कालाबाजारी
एक तरफ किसान खाद निजी दुकान से खरीद रहे हैं. दुसरी तरफ अधिकारी स्टॉक अनलिमिटेड की बात कर रहे हैं. किसानों को बाजार से उर्वरक खरीदने से बचने की सलाह दे रहै हैं. गौरतलब है कि सरकार की तरफ से खाद बीज हर जिले को ऑन डिमांड सप्लाई होती है. हालांकि धान के सीजन में खाद की कालाबाजरी भी बढ़ जाती है. जिसके कारण किसान बाहरी दुकानों से खरीदने के लिए मजबूर हो जाते हैं. ऐसे में कालाबाजारी से बचने के लिए उर्वरक वितरण की मॉनिटरिंग करने जरूरत है.