कटिहार: बदलते वक्त में जिले के किसान परंपरागत खेती को छोड़कर आधुनिक खेती और कैश क्रॉप्स की उत्पादन कर रहे हैं. इसका उद्देश्य है कि उनकी आय में वृद्धि हो सके और उनका परिवार समृद्ध हो. लेकिन, इन किसानों तक सरकारी मदद नहीं पहुंचने के कारण इनका आत्मविश्वास टूटता जा रहा है और वे कर्ज के बोझ में दबते जा रहे हैं. जिले में ड्रैगन फ्रूट की खेती करने वाले किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. इस वजह से किसानों के रीढ़ टूटती जा रही है.
ड्रैगन फ्रूट की खेती करने वालों को नहीं मिल रही सरकारी मदद, टूट रही किसानों की आस - farmer ram narayan singh
ड्रैगन फ्रूट की खेती करने वाले किसान राम नारायण सिंह बताते हैं इस खेती में फायदा चौगुना है. इससे किसानों की रीढ़ भी सीधी हो जाएगी, लेकिन सरकार की भी थोड़ी मदद चाहिए.
सरकारी मदद की आस
ड्रैगन फ्रूट की खेती करने वाले किसान राम नारायण सिंह बताते हैं इस खेती में फायदा चौगुना है. इससे किसानों की रीढ़ भी सीधी हो जाएगी, लेकिन सरकार की भी थोड़ी मदद चाहिए. सरकार अगर ड्रिप की व्यवस्था और अन्य सहयोग कर दे तो किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी.
आधुनिक खेती और कैश क्रॉप्स के लिए सरकार की कोई योजना नहीं
दरअसल आधुनिक खेती और कैश क्रॉप्स के लिए सरकार की कोई योजना नहीं है. जिला कृषि पदाधिकारी चंद्रदेव प्रसाद बताते हैं जिले में दो किसान ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे हैं. एक के तो फल भी आने लगे हैं, वहीं दूसरे की खेती अभी शुरुआती दौर में है. फिलहाल सरकार से ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए किसी भी तरह के अनुदान का प्रावधान नहीं है. हालांकि उन्होंने कहा कि कृषि विभाग इन लोगों से मिलकर सरकार से अनुदान की अपील करेगा.