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गया में रोजा रखे मुस्लिम युवा कोरोना मरीजों के लिए बने हैं 'मसीहा', घर-घर पहुंचा रहे मुफ्त सिलेंडर

धर्म नगरी गया के कुछ मुस्लिम युवा रोजा रखकर इस गर्मी में घर-घर ऑक्सीजन पहुंचा रहे हैं. कोरोना जैसी महामारी के बीच जरूरतमंदों को मुफ्त में ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ किट भी उपलब्ध करा रहे हैं. पढ़ें पूरी रिपोर्ट

rozedaar delivering free oxygen cylinders
rozedaar delivering free oxygen cylinders

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Published : Apr 27, 2021, 7:48 AM IST

गया:बिहार में एक ओर जहां कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ने के साथ सरकारी संस्थान ऑक्सीजन को लेकर हाथ खड़ा कर रहे हैं, वहीं कई ऐसे लोग भी हैं कि जो जरूरतमंदों की मदद के लिए आगे आए हैं. गया के कुछ मुस्लिम युवा इस गर्मी में रोजा रखकर जरूरतमंदों को ऑक्सीजन पहुंचा रहे हैं. ये युवा 'ऑक्सीजन बैंक' बनाकर लोगों की मदद कर रहे हैं.

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कोरोना जैसी महामारी के बीच गया के कुछ युवा जरूरतमंदों को मुफ्त में ऑक्सीजन सिलेंडर और किट उपलब्ध करा रहे हैं. नौजवानों की इस सराहनीय पहल को लोग खूब सराह रहे हैं. लोग कह रहे हैं कि जब सरकारी संस्थाएं असफल दिख रही हैं तो आम आदमी इंसानियत का धर्म निभाने के लिए आगे आ रहा है.

ऑक्सीजन सिलेंडर और किट मुफ्त में करा रहे मुहैया
आज के दौर में दम तोड़ती इंसानियत को राहत देने और नफरती सियासत को आईना दिखाने के लिए गया शहर के वार्ड नंबर 21 के वार्ड पार्षद कठोकर तालाब बारी रोड निवासी नैयर अहमद की पहल पर बिहार शौर्य सम्मान से सम्मानित ह्यूमन हुड ऑगेर्नाइजेशन के संस्थापक फैजान अली, समाजसेवी रुबदी उल अख्तर और मोहम्म्द अजहरूद्दीन जैसे कई युवा सहयोग से जरूरतमंदों को लगातार ऑक्सीजन सिलेंडर और किट मुफ्त में मुहैया करा रहे हैं.

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धर्म और जाति के बंधन से ऊपर उठकर दिन की चिलचिलाती धूप में रमजान के महीने में रोजा रखते हुए ये दिन और रात 15 दिनों से लोगों की खिदमत में लगे हुए हैं. वार्ड पार्षद नैयर अहमद का कहना है कि वह इंसानियत के लिए और अपने देश की खातिर एक छोटी सी जिम्मेदारी निभाने की कोशिश कर रहे हैं.

'पिछले 10 सालों से समाजसेवा का काम करते आ रहे हैं. हर दिन अपने आवास पर 100 गरीबों को खाना खिलाते हैं. ये काम भी पिछले कई सालों से हो रहा है. गरीबों में अनाज, कपड़े आदि भी बांटे जाते हैं.'- नैयर अहमद, वार्ड पार्षद

उन्होंने बताया कि पिछले साल 18 ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ उन्होंने इस सेवा की शुरूआत की थी. इस साल उनके पास 50 सिलेंडर हैं. आगे और भी सिलेंडर खरीदने की योजना है. उन्होंने बताया कि कई दोस्त भी उन्हें सहयोग कर रहे हैं.

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घर तक पहुंचाते हैं सिलेंडर
इस टीम के लोगों ने अपना मोबाइल नंबर सार्वजनिक कर दिया है, जिसमें जरूरतमंदों के फोन आते हैं. जिनके घर कोई सदस्य रहता है वह तो खुद ऑक्सीजन सिलेंडर ले जाते हैं, जिनके यहां कोई नहीं होता उनके घर उनकी टीम के लोग ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर पहुंचते हैं.

अलीगंज के फैयाज खान ने बताया कि बहुत सारे लोगों के सहयोग से उनके पास अभी तक लगभग 50 सिलेंडर हैं. उन्होंने बताया कि उन्हें सबसे ज्यादा सहयोग कैपिटल ऑक्सीजन एजेंसी के नैयर आलम का मिला.

'पहले से ही ऐसे लोगों की मदद करते आ रहे हैं, जो सड़क दुर्घटना में जख्मी हो जाते हैं. उनकी इस कोशिश से अब तक काफी लोगों को नई जिंदगी मिली है. इस कोरोना काल में वे ऑक्सीजन पहुंचाकर लोगों की मदद कर रहे हैं.'-फैयाज खान, टीम के सदस्य

इसकी शुरूआत लोगों की परेशानी को देखकर किया गया. इसकी शुरूआत तो प्रारंभ में पड़ोस के घरों से हुई, लेकिन आज उनकी टीम के पास गया शहर के प्रत्येक मुहल्लों से फोन आता है.- फैसल रहमानी, टीम के सदस्य

उन्होंने कहा कि उनकी टीम अब तक 75 से 80 लोगों को ऑक्सीजन मुहैया करा चुके हैं. उन्होंने कहा कि अधिकांश जरूरतमंद वे होते हैं, जो घरों में क्वॉरंटीन हैं. उन्होंने लोगों से अपील की है कि जरूरत पूरी हो जाने के बाद सिलेंडर को वापस जरूर कर दें, जिससे दूसरों को भी इसका फायदा पहुंचाया जा सके. उन्होंने बताया कि यह अभियान आगे भी जारी रहेगा.

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