गया:बिहार के गया के नामचीन स्कूल जीडी गोयनका के छात्र कृष्ण प्रकाश की मौत पर अब सियासत (Politics over Death of Student Krishna Prakash) फिर से गरमाने लगी है. करीब साढे तीन माह बीतने के बाद भी अब तक यह साफ नहीं हो सका है, कि आखिर कृष्ण प्रकाश की मौत कैसे हुई. इस बीच बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष सह राजद के वरिष्ठ नेता उदय नारायण चौधरी (Senior RJD Leader Uday Narayan Choudhary) ने सरकार के साथ-साथ पुलिस प्रशासन पर बड़ा आरोप लगाया है. इनका कहना है कि इस शासन में पोस्टमार्टम रिपोर्ट तक बदल दिए जाते हैं. ऐसे में जांच कर दोषियों को कैसे सलाखों के पीछे पहुंचाया जा सकता.
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कृष्ण प्रकाश की हुई थी संदिग्ध मौत:गयाशहर के जीडी गोयनका स्कूल के आठवीं क्लास के छात्र कृष्ण प्रकाश की संदिग्ध मौत का मामला एक बार फिर से तूल पकड़ने लगा है. विसरा रिपोर्ट आने के बाद स्कूल प्रबंधन की मुश्किलें बढ़ती दिख रही है. पिता चंद्रप्रकाश ने बताया कि विसरा रिपोर्ट में कहीं से प्वाइजनिंग का मामला सामने नहीं आया है, बल्कि मौत का कारण पिटाई ही बताया गया है. उन्होंने कहा कि मिलीभगत के कारण ही गलत पोस्टमार्टम रिपोर्ट प्रस्तुत किया गया था. इधर पीड़ित परिवार से मिलने बिहार विधानसभा के पूर्व स्पीकर एवं राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेता उदय नारायण चौधरी पहुंचे. उन्होंने बताया कि स्कूल प्रबंधन और प्रशासन की मिलीभगत के कारण पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा कि एफआईआर दर्ज कराने में सामाजिक कार्यकर्ताओं और आम लोगों को काफी मशक्कत करना पड़ा था.
मासूम छात्र की पिटाई से हुई मौत:गौरतलब है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं होने पर परिजनों की मांग पर विसरा जांच के लिए कोलकाता फॉरेंसिक लैब साक्ष्य भेजा गया था. कई महीने बीतने के बाद भी विसरा जांच रिपोर्ट अभी तक गया पुलिस की ओर से सार्वजनिक नहीं किया गया है. जानकारी हो कि बीते 16 फरवरी 2022 को गया के नामचीन विद्यालय जीडी गोयनका के छात्र कृष्ण प्रकाश की संदिग्ध मौत हो गई थी. शहर के रहने वाले प्रकाश चंद्र के पुत्र कृष्ण प्रकाश की संदिग्ध मौत का मामले में परिजनों का आरोप है कि जीडी गोयनका के शिक्षक शुभेंदु की पिटाई से कृष्ण प्रकाश की मौत हुई है. हालांकि विद्यालय प्रबंधन द्वारा इस आरोप को नकारा जा रहा था. किंतु इस मामले में बड़े आंदोलन के बाद मामले की एफआईआर चाकन्द थाने में दर्ज की गई थी.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट को बदल दिया गया था: जीडी गोयनका के छात्र कृष्ण प्रकाश की मौत के मामले को लेकर पूर्व विस अध्यक्ष सह राजद नेता उदय नारायण चौधरी ने गया में प्रेस वार्ता किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि गया में एक संगीन अपराध का खुलासा हुआ है. 16 फरवरी 2022 को जीडी गोयनका के छात्र रहे प्रकाश चंद्र के पुत्र कृष्ण प्रकाश की जीडी गोयनका स्कूल के शिक्षक की पिटाई से मौत हो गई थी. उस शिक्षक ने कई और बच्चों की पिटाई की थी, लेकिन कृष्ण प्रकाश को इतना पीटा कि उसकी मौत हो गई. वह आठवीं कक्षा का छात्र था.
परिजनों ने प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप:उदय चौधरी ने कहा किप्रशासन की मिलीभगत से आरोपी शिक्षक शुभेंदु पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. ऐसे आरोपी शिक्षक को प्रशासन ने सपोर्ट किया है, और गिरफ्तार नहीं किया है. यहां तक की एफआईआर दर्ज करने के लिए भी मशक्कत करना पड़ा था. लोगों के प्रयास से भादवि की धारा 302 के तहत एफआईआर दर्ज हुआ था. इसमें दो गवाह रहे शिक्षकों का 164 का बयान भी नहीं हो पाया. पोस्टमार्टम का रिपोर्ट आया कि सल्फास खाने से मौत हुई है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर सवाल उठाया गया कि 8 साल का बच्चा सल्फास क्यों खाएगा.
'पीड़ित परिवार के लोग पहले से ही कह रहे थे, कि शिक्षक की पिटाई से बच्चे की मौत हुई है. किंतु पोस्टमार्टम रिपोर्ट का हवाला देकर पुलिस प्रशासन द्वारा कहा जा रहा था, कि बच्चे की मौत का कारण सल्फास खाना आया है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं होने पर एसएसपी के द्वारा विसरा रिपोर्ट जांच के लिए कोलकाता के फॉरेंसिक लैब में भेजी गई थी. वहां जांच में सामने आया है कि बच्चे की मृत्यु पिटाई से हुई है. सल्फास खाने या जहर खाने से मौत नहीं हुई. इसका मतलब पोस्टमार्टम रिपोर्ट मे हेरफेर की गई है. 302 का केस है, ऐसे में आरोपित शिक्षक के साथ-साथ प्रिंसिपल की भी गिरफ्तारी होनी चाहिए, क्योंकि उन्होंने शिक्षक को सपोर्ट किया. जीडी गोयनका स्कूल को तत्काल बंद कर देना चाहिए. साथ ही तत्काल कार्रवाई नहीं हुई तो आने वाले दिनों में बड़ा आंदोलन गया शहर में होगा.'- उदय नारायण चौधरी, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सह राजद नेता