गया:कोरोना वायरस के बचाव और राज्य में लागू लॉकडाउन को देखते हुए बिहार सरकार ने राजकीय पितृपक्ष मेला को स्थगित कर दिया है. पितृपक्ष मेला स्थगित होने से गयापाल पंडा समाज ने नाराजगी जताई है.
'सरकार ने हमारी आशा पर पानी फेर दिया'
विष्णुपद प्रबंधकारिणी समिति के सचिव गजाधर लाल पाठक ने कहा कि सरकार ने हमारी आशा पर पानी फेर दिया. पितृपक्ष मेला स्थगित करना हमारे लिए आर्थिक लॉकडाउन लगाने जैसा हो गया.
पंडा समाज, ब्राह्मण और व्यवसायियों में काफी नाराजगी
गजाधर लाल पाठक ने कहा हमे पूरी आशा थी कि 6 सितंबर को लॉकडाउन खत्म होने पर सरकार नई गाइडलाइंस से पितृपक्ष मेला का शुभारंभ करेगी. लेकिन, बिहार सरकार ने पितृपक्ष मेला को ही स्थगित कर दिया है जिससे पंडा समाज, ब्राह्मण और इससे जुड़े व्यवसायियों में काफी नाराजगी है.
विष्णुपद मन्दिर परिसर में लगी दुकान '15 दिनों में मुश्किल से 15 हजार श्रद्धालु आते'
समिति के सचिव ने कहा कि पितृपक्ष मेले में वैसे भी इस साल श्रद्धालु कम संख्या में आते. कोरोना संक्रमण के डर से सिर्फ आस-पास के श्रद्धालु ही पिंडदान के लिए पहुंचते. पितृपक्ष के 15 दिनों में मुश्किल से 15 हजार श्रद्धालु आते, जिससे सोशल डिस्टेसिंग का पालन हो जाता.
मन्दिर परिसर में पसरा सन्नाटा 'पितृपक्ष मेला स्थगित होने से हम पर बुरा असर'
गजाधर लाल पाठक ने कहा कि पितृपक्ष मेला स्थगित होने से हम पर बुरा असर पड़ेगा. कई महीनों से मंदिर बंद है जिसके कारण कोई आय नहीं हुई है. अब मेला स्थगित होने से आर्थिक लॉकडाउन हो गया है. सिर्फ पंडा समाज ही नहीं बल्कि ब्राह्मण समाज, हजारों दुकानदार और हजारों फुटकर दुकानदार सीधे तौर पर प्रभावित है.
'कोर्ट जाने पर विचार'
समिति के सचिव पाठक ने कहा कि बिहार सरकार के इस फैसल को लेकर पंडा समाज, ब्राह्मण समाज और दुकानदार समाज के साथ बैठकर कर आगे रणनीति बनाएगा कि पितृपक्ष मेले की शुरूआत करने के लिए कोर्ट जाना चाहिए या नही.
कोरोना वायरस से बचाव के लिए राजकीय पितृपक्ष मेला स्थगित
बता दें कि हर साल सावन के बाद गया स्थित विष्णुपद मन्दिर परिसर और देव घाट पर पितृपक्ष मेला लगता है. इस वर्ष कोरोना वायरस से बचाव को लेकर बिहार सरकार ने राजकीय पितृपक्ष मेला स्थगित कर दिया है.