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कोटेश्वर नाथ धाम मंदिर में अव्यवस्था, मंदिर न्यास कमिटी और जिला प्रशासन निष्क्रिय - Shrawani Mela News at Koteshwar Nath Temple

कोटेश्वर नाथ धाम मंदिर नाम से विख्यात शिव मंदिर के आसपास में गंदगी का अम्बार लगा है. न तो पेयजल की समुचित व्यवस्था है और न ही स्वच्छ शौचालय.

कोटेश्वर नाथ धाम मंदिर में अव्यवस्था

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Published : Aug 4, 2019, 11:06 PM IST

गया: जिले के बेलागंज स्थित द्वापरकालीन सहस्रशिवलिंग महादेव कोचा मठ अव्यवस्था के कारण श्रद्धालुओं के लिये परेशानी का सबब बन गया है. श्रावणी मेला का आधा से अधिक समय बीत जाने के बावजूद कोटेश्वर नाथ धाम में श्रद्धालुओं, कांवरियों व शिवभक्तों के लिये सुविधाओं का घोर अभाव है.

कोटेश्वर नाथ धाम मंदिर

अव्यवस्था का शिकार है कोटेश्वर नाथ धाम मंदिर
दरअसल कोटेश्वर नाथ धाम नाम से विख्यात शिव मंदिर के आसपास में गंदगी का अम्बार लगा है. न तो पेयजल की समुचित व्यवस्था है और न ही स्वच्छ शौचालय . सबसे अधिक समस्या महिला श्रद्धालुओं को होती है जो दूर-दराज से यहां आती हैं. मंदिर प्रांगण में स्थित प्राचीन कुंआ भी साफ सफाई और समुचित देखरेख के अभाव में सूख गया है. एक चापाकल के सहारे आधा मेला खत्म हो गया. श्रद्धालुओं को हो रही समस्या पर न तो मंदिर न्यास कमिटी ने सक्रियता दिखायी और न हीं स्थानीय जिला प्रशासन ने

प्रमंडलीय आयुक्त ने किया था मेला का उद्घाटन
विगत 17 जुलाई को श्रावणी मेला उद्घाटन धूमधाम से किया गया था. उद्घाटन सत्र में आये गणमान्य लोगों ने मेला को लेकर लम्बे वादे किए थे. उद्घाटन के पन्द्रह दिन से ज्यादा का वक्त बीतने के बावजूद भी व्यव्स्था में सुधार नहीं किया गया. श्रावणी मेला खत्म होने वाला है. उद्घाटन के बाद न तो कोई प्रशासनिक पदाधिकारी सुध लेने पहुंचा और न हीं जनप्रतिनिधि.

शिव मंदिर के आसपास गंदगी का अम्बार

मंदिर के रखरखाव के लिये बनी है न्यास कमिटी
मंदिर के रखरखाव और सौंदर्यीकरण के लिये बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अधीनस्थ न्यास कमिटी का भी गठन किया गया है. मगर इस साल कमिटी या जिला प्रशासन की ओर से श्रावणी मेले के मौके पर न तो मंदिर का रंग रोगन किया गया और न ही साफ सफाई. श्रद्धालुओं के लिये समुचित व्यवस्था भी नहीं की गयी है.

कोटेश्वर नाथ धाम मंदिर में अव्यवस्था

क्या कहते हैं कमिटी के सदस्य
मंदिर न्यास कमिटी के सचिव योगेन्द्र शर्मा ने बताया की कमिटी की सक्रियता अब ना के बराबर रह गयी है. जब कभी मंदिर परिसर में वीआईपी मूवमेन्ट होता है तभी ही कार्यकर्ताओं और जनप्रतिनिधियों की चहलकदमी नजर आती है. इसके अलावा मंदिर में क्या हो रहा है, कैसी व्यवस्था है इसकी चिन्ता किसी को नही है. मंदिर के पुजारी ने बताया कि श्रावणी मेला में प्रशासनिक स्तर से कोई व्यवस्था नहीं की गई. गांव के दो चार लोगों को छोड़ कोई सुध तक लेने नही आता.

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