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गया: वीरेंद्र कुमार को इस अनूठी पहल के लिए मिला राष्ट्रीय टीचर इनोवेशन अवार्ड - पवरा मध्य विद्यालय

अपने अभियान के बारे में बताते हुए वीरेंद्र कहते हैं कि पवरा मध्य विद्यालय में पिछले 2 सालों में एक नवाचार की शुरुआत की. उन्होंने इसका नाम रखा 'सिटी बजाओ-स्कूल चलो'. इस अभियान की शुरुआत इसलिए की गई थी क्योंकि स्कूल में बच्चों की उपस्थिति चिंताजनक थी और बच्चे भी अक्सर काफी देर से स्कूल पहुंचते थे

virendra kumar
virendra kumar

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Published : Dec 30, 2019, 11:00 PM IST

Updated : Dec 31, 2019, 7:08 AM IST

गया:जिले के एक शिक्षक वीरेंद्र कुमार को इस साल राष्ट्रीय टीचर इनोवेशन अवार्ड से सम्मानित किया गया. वीरेंद्र कुमार ने नक्सल प्रभावित क्षेत्र गुरुआ प्रखण्ड के मध्य विद्यालय पवरा में 2 साल पहले 'सिटी बजाओ-स्कूल चलो' अभियान की शुरुआत की. विद्यालय के शैक्षणिक स्तर में सुधार कर उन्होंने पूरे राज्य के लिए एक उदाहरण पेश किया. इस अभियान के लिए ही वीरेंद्र को 2019 में राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.

'सिटी बजाओ-स्कूल चलो' अभियान के तहत सीटी बजाता बच्चा

राष्ट्रीय टीचर इनोवेशन अवार्ड से सम्मानित वीरेंद्र कुमार
मध्य विद्यालय पवरा के तत्कालीन हेडमास्टर वीरेंद्र कुमार ने बताया कि उन्हें दिल्ली में मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ने राष्ट्रीय टीचर इनोवेशन अवार्ड दिया. अपने अभियान के बारे में बताते हुए वीरेंद्र बताते है कि पवरा मध्य विद्यालय में पिछले 2 सालों में एक नवाचार की शुरुआत की. उन्होंने इसका नाम रखा 'सिटी बजाओ-स्कूल चलो'. इस अभियान की शुरुआत इसलिए की गई थी क्योंकि स्कूल में बच्चों की उपस्थिति चिंताजनक थी और बच्चे भी अक्सर काफी देर से स्कूल पहुंचते थे. इससे क्लास का समय प्रभावित होता था. इन समस्याओं से निजात पाने के लिए ही उन्होंने ये प्रयोग किया था, जो बेहद सफल रहा.

पवरा मध्य विद्यालय से विदाई के दौरान भावुक छात्र

'सिटी बजाओ-स्कूल चलो' अभियान की शुरुआत
वीरेंद्र आगे बताते है कि इस अभियान को लागू करने के लिए मैंने प्रत्येक पोषक टोला से नियमित और सक्रिय 2-2 बच्चों को टोला लीडर के रूप में चयनित किया. इसके बाद उन बच्चों को सीटी दी. टोला लीडर सीटी बजाते हुए स्कूल आता. सीटी बजना इस बात का संकेत है कि स्कूल चलने का समय हो गया है, सभी अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेज दें. उनकी इस पहल से धीरे-धीरे सीटी की आवाज सुनकर सभी तय समय पर अपने बच्चों को स्कूल भेजने लगे.

राष्ट्रीय टीचर इनोवेशन अवार्ड हासिल करते वीरेंद्र कुमार

निजी स्कूलों की तरह है सुविधाएं
मध्य विद्यालय पवरा ने आसपास के क्षेत्र के निजी स्कूल को भी पछाड़ दिया. इस सरकारी स्कूल में नामांकन के लिए प्रचार-प्रसार होता है. बच्चों का एडमिशन होते ही निःशुल्क ड्रेस, टाई, स्कूल बैच और स्कूल डायरी दी जाती है. ये सभी खर्च किसी सरकारी राशि से नहीं बल्कि लोगों की स्वेच्छा और गुप्त दान से हुआ है.

राष्ट्रीय टीचर इनोवेशन अवार्ड से सम्मानित वीरेंद्र कुमार पर ईटीवी भारत की विशेष रिपोर्ट

प्रखंड में अग्रणी विद्यालय बना स्कूल
पवरा मध्य विद्यालय संसाधन विहीन होते हुए भी गुरुआ प्रखंड में अग्रणी विद्यालय के रूप में उभरा. इसका पूरा श्रेय स्कूल के छात्र और अभिभावक हेडमास्टर वीरेंद्र कुमार को देते हैं. जब पवरा मध्य विद्यालय से उनकी विदाई हो रही थी, छात्र आंसू बहा रहे थे. वर्तमान में शिक्षक वीरेंद्र कुमार मध्य विद्यालय डीहुरी नगर प्रखंड में प्रधानाध्यापक के पद पर पदस्थापित हैं. वीरेंद्र कुमार जैसे शिक्षक निश्चय ही प्रदेश में शिक्षा की मौजूदा तस्वीर बदल सकते हैं.

Last Updated : Dec 31, 2019, 7:08 AM IST

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