नालंदाः पंच पहाड़ियों से घिरी राजगीर की वादियों में नेचर सफारी का निर्माण कराया जा रहा है. ताकि प्रकृति की गोद में बसे राजगीर की नैसर्गिक छटा को लोग नजदीक से निहार सकें. वैभारगिरी पर्वत और स्वर्ण गिरी पर्वत के बीच कराए जा रहे नेचर सफारी के निर्माण के दौरान नालंदा एवं गया जिला का वन क्षेत्र शामिल है. ऐसे में प्रशासनिक दृष्टिकोण एवं सुरक्षा के दृष्टिकोण के तहत गया जिला के अधीन 5395.60 एकड़ भूमि को नालंदा जिला में स्थानांतरित करने के लिए पत्र लिखा गया है. यह पत्र नालंदा के जिलाधिकारी द्वारा बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव को लिखा गया है.
सीएम ने भ्रमण के दौरान दिया था निर्देश
दिए गए पत्र में कहा गया है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा विगत 19 दिसंबर को नेचर सफारी के भ्रमण के दौरान निर्देश दिया गया था. उन्होंने प्रशासनिक दृष्टिकोण एवं सुरक्षा के मद्देनजर नेचर सफारी के भौगोलिक क्षेत्र को नालंदा जिले में सम्मिलित करने के बारे में कहा था. निर्देश के आलोक में वन प्रमंडल पदाधिकारी नालंदा ने नेचर सफारी में सम्मिलित क्षेत्र के मौजाबार रकवा की मांग की गई. नेचर सफारी गया जिले के मोहडा अंचल के राजस्व ग्राम जेठियन थाना नंबर 223 की 3299.77 एकड़, अतरी अंचल के राजस्व ग्राम भोजपुर थाना नंबर 221 की 459.70 एकड़ जमीन तथा अतरी अंचल के राजस्व चकरा थाना नंबर 220 की 1636.13 एकड़ भूमि प्रशासनिक प्रभार में बताया गया.
राजगीर में बना ग्लास फ्लोर ब्रिज कई आकर्षक चीजों का हो रहा निर्माण
उक्त भूमि फिलहाल गया जिला के अधीन में है. जिसे नालंदा जिला में स्थानांतरित करने को लेकर जिला अधिकारी के द्वारा पत्र लिखा गया है. मालूम हो कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पहल पर नेचर सफारी का निर्माण कराया जा रहा है. नेचर सफारी में निर्माणाधीन ग्लास फ्लोर ब्रिज देश दुनिया में आकर्षण का केंद्र बन चुका है. हालांकि इसके निर्माण के काम में कुछ देरी है. बावजूद इसके पर्यटक बिलासपुर ब्रिज के दीदार करने के लिए बेताब दिख रहे हैं. इसके अलावा नेचर सफारी के कैंप एरिया में जीप लाइन, जीप बाइक, मड हाउस सहित कई चीजों का भी निर्माण कराया जा रहा है. जो आज के युवा पीढ़ी एवं बच्चों के लिए आकर्षण का प्रमुख केंद्र के रूप में जाना जाएगा.