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ई-पिंडदान पर विवाद: पुरोहित बोले उचित नहीं तो DM ने कहा- लोगों की आस्था पर छोड़ता हूं जवाब

ई-पिंडदान की विधि के बारे में पुरोहितों के बीच सकारात्मक राय देखने को नहीं मिल रही है. पुरोहित कहते हैं कि आपके पितरों का पिंडदान कोई दूसरा करे इसका ना कोई उदाहरण है ना ही कोई जिक्र. इस प्रक्रिया से पितरों को मोक्ष मिलेगा या नहीं ये तो पता नहीं लेकिन बेटे को आशीर्वाद नहीं मिलेगा.

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Published : Sep 19, 2019, 2:11 PM IST

पिंडदान

गया: मोक्षधाम गयाजी में पितृपक्ष मेले के दौरान या साल के सभी दिन पिंडदानी पिंडदान करने आते हैं. मेले के मद्देनजर पर्यटन विभाग ने दो तरह के पैकेज बनाए है. पहला पैकेज गयाजी में आकर खुद पिंडदान करना. जिसमें सारी व्यवस्था पर्यटन विभाग की होगी . वहीं, दूसरा पैकेज ई पिंडदान का है. जिसके तहत घर बैठे ई पिंडदान कर सकते हैं. अब पर्यटन विभाग के दूसरे ई पिंडदान पर ही तकरार सामने आ रही है.

पर्यटन विभाग ने बनाया ई पिंडदान का पैकेज
पूर्वजो के प्रति आस्था और श्रद्धा का महाकुंभ पितृपक्ष मेला चल रहा है. इस पितृपक्ष में गयाजी में अब तक दो लाख से अधिक लोगों ने पिंडदान किया है. कुछ लोग जो बिना गयाजी में आए बिना पितरों को मोक्ष दिलाने के लिए पिंडदान करना चाहते है. उनके लिए ई पिंडदान की व्यवस्था चालू है. पर्यटन विभाग ने ई पिंडदान का पैकेज बनाया है.

पर्यटन विभाग का ई-पिंडदान पैकेज

पर्यटन विभाग के पैकेज

  • पटना-पुनपुन-गया-पटना एक दिन का पैकेज न्यूनतम 11500 रुपया और अधिकतम 23250 का पैकेज बनाया है.
  • पटना-पुनपुन-गया-बोधगया-नालंदा-राजगीर-पटना एक रात दो दिन का पैकेज में न्यूनतम 13400 और अधिकतम 29250 बनाया है.
  • गया टू गया एक दिन का पैकेज न्यूनतम 7400 और अधिकतम 19850 का बनाया है.
  • गया टू गया एक रात दो दीन का पैकेज न्यूनतम 13490 और अधिकतम 31605 का बनाया है
  • गया-बोधगया-राजगीर-नालन्दा-गया एक रात और दो दिन का पैकेज 11350 रुपया और अधिकतम 24990 रुपया का बनाया है

ऑनलाइन ई.पिंडदान है नाम
सबसे आखिर में ई पिंडदान का पैकेज बनाया है जिसमे 19000 रुपया में घर बैठे आप पितरों का पिंडदान गया जी मे कर सकते हैं. इसे ऑनलाइन ई.पिंडदान नाम दिया गया है. 19 हजार की राशि में विष्णुपद, अक्षयवट में पिंडदान, पुरोहित दक्षिणा, पूजा सामग्री का खर्च और पिंडदान की प्रक्रिया वीडियो रिकॉर्ड करके बुकिंग करने वाले पिंडदानी के पास सीडी, पेनड्राइव के माध्यम से भेज दिया जाएगा.

पर्यटन विभाग का ई-पिंडदान पैकेज

ऑनलाइन पिंडदान की ये है प्रक्रिया
ई पिंडदान में इच्छुक व्यक्ति तय राशि का भुगतान पर्यटन विभाग को करेगा. विभाग की ओर से दिए गए समय में पिंडदान होगा. पर्यटन विभाग में कई पंडा, ब्राह्मण और पिंडदानी पहले से बुक है. पिंडदानी के पितरों का कर्मकांड करवाने वाले पंडित को पर्यटन विभाग पूरी जानकारी देता है. पिंडदानी की जगह किसी को बैठाया जाता है, जो सारे विधि विधान करता है. इसकी पूरी रिकॉर्डिंग की जाती है. ये पिंडदान एक दिवसीय होता है.

पुरोहितों के बीच सकारात्मक राय नहीं
हालांकि ई-पिंडदान की विधि के बारे में पुरोहितों के बीच सकारात्मक राय देखने को नहीं मिल रही है. पुरोहित राजाचार्य ने बताया कि पिंडदान एक धार्मिक प्रक्रिया है. ई पिंडदान जैसी किसी प्रक्रिया का धार्मिक ग्रंथों में कही उल्लेख नहीं मिलता है. आपके पितरों का पिंडदान कोई दूसरा करे इसका ना कोई उदाहरण है ना ही कोई जिक्र. वहीं पंडित लाल भूषण मिश्रा कहते हैं ई पिंडदान में जो प्रकिया हैं उसे पितरों को मोक्ष मिलेगा या नहीं ये तो पता नहीं लेकिन बेटे को आशीर्वाद नहीं मिलेगा. गयाजी मे प्रतिनिधि पिंडदान करने की परंपरा हैं. लेकिन जिनके पितरों का पिंडदान हो रहा है उनको वहां रहना पड़ेगा. घर बेठे पिंडदान करना उचित नहीं.

पेश है रिपोर्ट

'उचित है या नहीं लोगों की आस्था देगी जवाब'
वहीं जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने कहा पर्यटन विभाग की तय राशि पर ई पिंडदान की सुविधा दी जा रही है. इसमें जो लोग अक्षम है और गयाजी नहीं आ सकते, उनके लिए ये खास व्यवस्था हैं. ये आस्था से जुड़ा विषय हैं. और यह उचित है या नहीं इसका जवाब मैं लोगों की आस्था पर छोड़ता हूं.

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