गया: भगवान बुद्ध की 2563 वीं जयंती देशभर में धूमधाम से मनाई जा रही है. बौद्धनगरी बोधगया में इसे पवित्र पर्व के रूप में मनाया जा रहा है. इस मौके पर महाबोधि मंदिर में स्थापित बुद्ध की 80 फीट की विशाल मूर्ति से एक भव्य शोभायात्रा निकाली गई. यात्रा में शामिल हुए कई देशों के बौद्ध भक्तों ने विश्व शांति का संदेश दिया.
भगवान बुद्ध की विशाल मूर्ति शोभायात्रा बोधगया के सड़क मार्गों से होते हुए विश्व धरोहर महाबोधि मंदिर तक पहुंची. जहां शोभायात्रा में शामिल श्रद्धालुओं ने मंदिर के गर्भगृह में विशेष रूप से पूजा अर्चना की. साथ ही पवित्र बोधिवृक्ष के नीचे ध्यान भी लगाया. इस शोभायात्रा में विश्व के कई देशों के धर्मगुरु, लामा और स्कूली बच्चे शामिल हुए. शोभा यात्रा में नेपाल, श्रीलंका, जापान, म्यांमार, तिब्बत, भूटान, भारत समेत विश्व के कई देशों के बौद्ध धर्मगुरु और श्रद्धालु शामिल हुए.
विदेशी मेहमानों ने भी लिया हिस्सा त्रिविध जयंती है आज का पर्व
बौद्ध भिक्षुओं ने बताया कि इसे त्रिविध जयंती भी कहा जाता है. त्रिविध जयंती कहने का मतलब यह है कि आज ही के दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था. आज ही के दिन भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी और आज ही के दिन उनका महापरिनिर्वाण यानि उनकी मृत्यु हुई थी. ऐसा संयोग केवल महापुरुषों के साथ ही होता है.
आज का दिन है पवित्र
बोधगया में शनिवार को भगवान बुद्ध के जीवनकाल पर आधारित कई घटनाओं को कार्यक्रमों के माध्यम से दिखाया जायेगा और धर्मगुरु साधना करेंगे. उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध के उपदेश आज भी लोगों के लिए प्रेरणादायक हैं. भगवान बुद्ध ने बोधगया में ज्ञान की प्राप्ति कर पूरी दुनिया को सत्य, अहिंसा, प्रेम, करुणा, मैत्री, भाईचारा का संदेश दिया था. आज का दिन बौद्ध धर्मावलंबियों के लिए सबसे पवित्र दिन है.
भगवान बुद्ध की 2563 वीं जयंती