गया:बिहार के गया में सरकारी विद्यालयों की स्थिति बदहाल (Bad Condition Of Government Schools In Gaya) है. कई स्थानों पर आज भी बदतर हालात स्कूलों के हैं. बोधगया प्रखंड अंतर्गत उत्क्रमित हाई स्कूल हथियार सरकार के दावों पर काला दाग है. यहां के छात्रों के लिए 10 पेड़ों या यूं कहें कि बगीचे के सहारे यहां बच्चों को पढ़ाया जाता है तो गलत नहीं होगा. यहां के बच्चे आज भी बगीचे में बोरे पर बैठकर अध्ययन करने को विवश हैं. एक दो नहीं बल्कि 10 पेड़ों के सहारे किसी तरह यह विद्यालय संचालित हो रहा है. यहां बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है.
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गया में बदहाल शिक्षा व्यवस्था :बोधगया प्रखंड का उत्क्रमित हाई स्कूल हथियार (Upgraded High School Hathiyar Of Bodh Gaya Block) गया मुख्यालय से करीब 22 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. लेकिन इस विद्यालय के लिए बदलाव आज भी एक चुनौती ही है. इस विद्यालय के नाम तो बदलते रहे, लेकिन न तो सूरत बदली और ना हीं सीरत. इस विद्यालय में सुविधाओं का घोर अभाव है तो छात्रों को उनके शिक्षा के अधिकार से कहीं न कहीं खिलवाड़ जरूर किया जा रहा. विद्यालय की यह स्थिति 1-2 सालों से नहीं बल्कि 7 दशकों यानि करीब 70 सालों से यथावत है. इस विद्यालय की स्थापना सबसे पहले 1954 में प्राथमिक विद्यालय हथियार के रूप में हुई थी. इसके बाद यह उच्च माध्य विद्यालय हथियार के रूप में बनाया गया और अब यह उत्क्रमित हाईस्कूल हथियार के रूप में बना है. 1954 से बने इस विद्यालय में समस्याओं का अंबार है. 7 दशकों से पेड़ ही बना है सहारा, बगीचे में होती है पढ़ाई. 700 से अधिक बच्चे इस स्कूल में पढ़ते हैं.
सात दशकों से बनी है यही स्थिति: इस विद्यालय का सहारा दस पेड़ ही बने हुए हैं. बगीचे में बच्चों की क्लास लगती है. 700 से अधिक बच्चे यहां नामांकित हैं. ठंड हो गर्मी हो या बरसात, बच्चे सारे मौसमों की मार झेलते हुए किसी तरह यहां पढ़ाई करने को विवश हैं. गर्मी के दिन में लू के थपेड़े तो बरसात का मौसम कई दिनों तक इन्हें पढ़ाई से वंचित कर देता है. इस विद्यालय में भवनों का पूरी तरह से अभाव है. पुराने जमाने से बने दो भवन टूट-टूट कर गिर रहे हैं. वही इसके अलावा मात्र एक प्रिंसिपल का ही ऑफिस है. वह भी छोटा सा है. ऐसे में भवनों के अभाव के कारण बच्चे बगीचे में पढ़ने को विवश हैं.
पेड़ों पर लटकते हैं कक्षा के बोर्ड : अलग-अलग कक्षा के बोर्ड पेड़ों पर ही लटकाई जाती है और छात्र-छात्राएं उसी के अनुसार अपनी उपस्थिति बगीचे वाली क्लास में करते हैं. मौसम की मार से बीच में कब पढ़ाई रोककर छुट्टी कर दी जाए, यह भी मौसम ही तय करता है. यहां पढ़ने वाली छात्रा सीता कुमारी पांचवी कक्षा में अध्ययनरत है. बताती है कि- 'हम कुछ बनना चाहते हैं, लेकिन बहुत सी सुविधाएं नहीं मिलने का कारण पढ़ाई प्रभावित हो रही है. सरकार से मांग करते हैं कि हमें टेबल, कुर्सी, भवन आदि दिया जाए, जिससे कि हमारी बगीचे की कक्षा स्कूल के अंदर में लग सके और सारी सुविधाएं मिल सके.'