दरभंगाः नागरिक विमान उड़ान सेवा के लिए बने दरभंगा एयरपोर्ट पर नीलगाय एक गंभीर विषय बना हुआ है. नील गाय जंगल से निकल कर रनवे की तरफ आ जाती है. ऐसे में यहां पर कोइ बड़ी घटना होने का खतरा मंडराने लगा है.
नीलगाय की समस्या के समाधान के लिए कई बार हाई लेवल मीटिंग हो चुकी है. फिलहाल प्रशासन ने जंगली जानवर से बचाव के लिए होमगार्ड के जवानों को रनवे पर तैनात कर दिया है.
'नील गायों को ट्रेंकुलाइज (बेहोश) करके दूसरे स्थान पर भेजने के प्रस्ताव के आलोक में 56 लाख रुपये का प्राक्कलन सरकार को भेजा गया है. अभी में उस क्षेत्र में जल जमाव है. जलजमाव समाप्त होने के बाद ही यह कार्य शुरू किया जाएगा'-चंचल प्रकाशम, वन प्रमंडल पदाधिकारी
नील गायों को हटाने में लगेगा दो माह का समय
मिथिला वन प्रमंडल पदाधिकारी चंचल प्रकाशम ने बताया कि राशि प्राप्त होने के बाद नील गायों को हटाने की कार्रवाई की जाएगी. जिसमें डेढ़ से दो माह का समय लगेगा. एयरपोर्ट द्वारा प्रशिक्षित होमगार्ड को इस कार्य के लिए तैनात किया गया है.
वहीं, दरभंगा के जिलाधिकारी डॉ त्याग राजन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि दरभंगा एयरपोर्ट पर नीलगाय एक गंभीर विषय बना हुआ है.
'सुरक्षित उड़ान के दृष्टिकोण से फिलहाल यहां नीलगाय के लिए फैंसिंग का काम शुरु कर दिया गया है. साथ ही इस समस्या के निदान को लेकर केंद्र के सरकार के स्तर पर अहम बैठक भी की गई है'- डॉ त्याग राजन, डीएम
8 नवंबर को पहुंचा था स्पाइस जेट का विमान
गौरतलब है कि 8 नवंबर को सुबह 11 बजकर 22 मिनट पर स्पाइस जेट के विमान ने यात्रियों को बेंगलुरु से लेकर पहली बार दरभंगा हवाई अड्डा पर लैंड किया था. विमान उतरते ही लोगों खुशी से उछल पड़े और सड़क के किनारे करे लोगों ने तालियों से विमान का स्वागत किया था. मालुम हो की वायु सेना केंद्र में रनवे के दक्षिण इलाके में घने जंगल है. जिसमे नीलगाय सहित कई तरह के जंगली जानवर रहते है. जिसमें नीलगाय की संख्या सबसे ज्यादा है.
ऐसे में कई बार नील गाय जंगल से निकल कर रनवे पर भी घूमते देखी गई है. लेकिन अब यहां से हर दिन कई उड़ाने होने के कारण नील गाय एक बड़ी समस्या हो गयी है. नीलगाय पर नजर रखने के लिए एयरपोर्ट ऑथोरिटी ने प्रशिक्षित होमगार्ड को इस कार्य में लगाया गया है. वे हवाई जहाज के लैंडिंग और उड़ान के पहले नील गायों पर नजर रखते हैं. ताकि सुरक्षित उड़ान यहां से हो सके.