दरभंगा: पहले भीषण बाढ़ ने उत्तर बिहार के किसानों की खरीफ की फसल पूरी तरह डुबो दी. उसके बाद रबी फसल की बुआई में किसानों ने डीएपी खाद का संकट ( DAP fertilizer crisis ) झेला. अब किसान गेहूं की पटवन में भी ऐसी ही परेशानी झेल रहे हैं. अब यूरिया के संकट की वजह से किसानों की पहली और दूसरी पटवन रुक रही है. किसान यूरिया के लिए मारे-मारे फिर रहे हैं. इसकी वजह से फसल खराब होने का खतरा मंडरा रहा है.
बिहार सरकार से मिले आंकड़ों के अनुसार, रबी सीजन में केंद्र की ओर से राज्य के कोटे से 26 प्रतिशत कम यूरिया बिहार को मिला है. इसकी वजह से दरभंगा, मुजफ्फरपुर और मोतिहारी समेत उत्तर बिहार के कई जिलों में यूरिया की आपूर्ति जरूरत की महज 47 प्रतिशत हो सकी है. इस वजह से उत्तर बिहार के कई जिलों में या तो किसान ब्लैक मार्केट से महंगे दाम पर यूरिया खरीद कर पटवन कर रहे हैं या फिर यूरिया के अभाव में पटवन रुक रही है.
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किसान नथुनी पासवान ने कहा कि बाढ़ की वजह से पहले तो धान की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई. उसके बाद जब गेहूं की बुआई का समय आया तो पानी की वजह से वह भी लेट हो गया. बुआई के समय डीएपी खाद की मारामारी हो रही थी, जिसकी वजह से और भी देरी हुई. उन्होंने कहा कि अब जब पहली या दूसरी पटवन का समय है तो यूरिया के लिए भी मारामारी हो रही है. उन्होंने कहा कि बाजार में यूरिया काफी महंगे दर पर मिल रहा है. इसकी वजह से सही समय पर पटवन नहीं हो पा रही है.