दरभंगा: बिहार विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के बाद राजनितिक गलियारों में आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. दरअसल प्रधानमंत्री मादी ने अपने रैली के दौरान बिहार में 15 वर्षों के जंगल राज को याद दिलाते हुए कहा था कि लालटेन युग में एक सरकारी नौकरी के करोड़ों लिए जाते थे. अब विपक्ष वापस फिर से वहीं साजिश रच रही है.
राजद वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी 'एनडीए सरकार में चलते हैं दो तरह के कानून'
राजद के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने प्रधानमंत्री के 'लालटेन युग में एक सरकारी नौकरी के करोड़ों लिए जाते थे' बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि डबल इंजन की सरकार जब हर मोर्चे पर विफल साबित हुई और जब इनलोगों के पास कुछ मुद्दा कहने को नहीं रहा तो हमारी पार्टी द्वारा 10 लाख बेरोजगार को नौकरी देने का ऐलान करने पर इनके पेट में दर्द शरू हो गया है.
'दोहरे चरित्र की राजनीति करती है भाजपा'
अब्दुल बारी सिद्दीकी ने एनडीए सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भारत में दो तरह के कानून चलते है. निलम मोदी, विजय माल्या, ललित मोदी सहित बड़े उद्योगपतियों के लिए अलग कानून होता है.
'किसान, मजदूरों के लिए होता है अलग कानून'
राजद के वरिष्ठ नेता ने कहा - वहीं किसान, मजदूरों के लिए अलग कानून होता है. उन्होंने आगे कहा कि विपक्ष के द्वारा हमलोग गाली नया नहीं सुन रहे हैं. हमारे नेता जननायक कर्पूरी ठाकुर ने जब आरक्षण लागू किया था तो यही लोग नारा लगाकर गंदी गाली देने का काम किया करते थे.
'हम गरीबों की बात करते हैं तो यह हो गया जंगल राज'
अब्दुल बारी सिद्दीकी ने आगे कहा कि जब कर्पूरी जी का निधन हो गया तो, गाली देने वाले बीजेपी के नेता अपने कार्यालय में जन्मदिन मनाते हुए, उनको माल्यार्पण करते है. वहीं उन्होंने योगी सरकार पर प्रहार करते हुए कहा कि यूपी में क्या हो रहा है. दलित, पिछड़ा, अल्पसंख्यक मारा जा रहा है. हाथरस की घटना छुपी हुई नहीं है और दिन पर दिन आंकड़े के हिसाब से उनके यहां दुष्कर्म की संख्या बढ़ रही है. ये है उनका राम-राज और हम गरीबों की बात करते हैं तो यह हो गया जंगल राज.