सारण(मांझी):चुनावी साल में जनप्रतिनिधियों के खिलाफ लोगों का गुस्सा दिखने लगा है. विकास की बाट जोह रहे ग्रामीण अब खुलकर सरकार और नेताओं के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं. वे रोड नहीं तो वोट नहीं के नारों के साथ विरोध कर रहे हैं. मामला मांझी विधानसभा के सोनबरसा का है. इसके पहले भी लोकसभा चुनाव में सोनबरसा की जनता ने वोट का बहिष्कार किया था.
जिला मुख्यालय से महज 30 किलोमीटर की दूरी पर मांझी प्रखंड के सोनबरसा गांववासी सालों से विकास की आस देख रहे हैं. मतदाताओं का कहना है कि यहां जब से सड़क बनी है तब से लेकर अभी तक जर्जर स्थिति में है. इस गांव को नेताओं और प्रशासन ने भी अनदेखा किया है.
लोगों में सरकार के खिलाफ गुस्सा
यहां के ग्रामीणों का आरोप है कि वोट मांगने के समय नेता आते हैं और जब काम करने की बारी आती है तो पल्ला झाड़ निकल लेते हैं. उन्होंने कहा कि गांव में सड़क बनवाने के लिए कई अधिकारियों के पास गया लेकिन सरकार की ओर से कोई ठोस जवाब नहीं मिल सका. वहीं अब विधानसभा चुनाव में सरकार विकास का गाथा गा रही है. लेकिन विकास को अब जनता रोड पर लाकर आईना दिखाने का कार्य कर रही है.
'विकास नहीं तो वोट नहीं'
जर्जर सड़क को लेकर कई बार आंदोलन करने के बाद भी सुधार कार्य नहीं हो सका है. क्षतिग्रस्त सड़क से त्रस्त क्षेत्र के लोग विरोध में उतर आए हैं. जागरूक नागरिकों ने रोड नहीं तो वोट नहीं का नारा बुलंद किया है. आगामी चुनाव को लेकर सोनबरसा गांव वालों ने निर्णय लिया है कि सड़क की हालात में सुधार नहीं कराया गया तो वे विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे. स्थानीय प्रदीप कुमार ने बताया कि प्रखंड मुख्यालय जाना हो या अस्पताल जाना हो, यही एक मार्ग है. जिसकी हालत बहुत खराब है. बीमार मरीज सही सलामत अस्पात पहुंच जाए तो गनीमत है.