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2024 में कौन बनेगा महाराजगंज का 'महाराजा'? जोड़-तोड़ की राजनीति अभी से शुरू

देश में अगला लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Elections 2024) में होना है और अभी लगभग 2 साल का वक्त है, लेकिन अगले लोकसभा चुनाव के लिए अभी से चुनावी बिसात बिछनी शुरू हो गई है. शह और मात का खेल शुरू हो गया है. 2024 में महाराजगंज सीट को लेकर अभी से जोड़-तोड़ की राजनीति शुरू हो गई है. पढ़ें पूरी खबर..

महाराजगंज का जातीय समीकरण
महाराजगंज का जातीय समीकरण

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Published : Apr 18, 2022, 5:25 PM IST

सारण:2024 के आम चुनाव में अभी करीब 20 महीने बचे हैं, लेकिन बिहार में अभी से लोकसभा चुनाव के लिए राजनेता अपनी-अपनी सीटों की दावेदारी पेश कर रहे हैं. वैसे बिहार में राजनीतिक समीकरण से ज्यादा जातीय समीकरण हावी रहा है. इसे लेकर राजनीतिक दल और राजनेता अपने-अपने जातिगत समीकरण के हिसाब से अगड़े पिछड़े की राजनीति करते आए हैं और अपने वर्चस्व के लिए अपनी जाति के जहां सबसे ज्यादा वोटर हैं. उसी जगह से अपनी दावेदारी प्रस्तुत करते हैं.

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बिहार की महाराजगंज सीट:अगर मौजूदा राजनीतिक समीकरण की बात करें तो बिहार की महाराजगंज सीट अभी से हॉट सीट बनी हुई है. वर्तमान में यहां पर बीजेपी के सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल हैं. जिन्होंने पूर्व बाहुबली सांसद प्रभुनाथ सिंह के बेटे रणधीर सिंह को हराकर 2019 में चुनाव जीता था, इसके पूर्व जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने 2014 के चुनाव में रणधीर सिंह के पिता बाहुबली सांसद प्रभुनाथ सिंह को इस सीट से हराया था. जनार्दन सिंह सिग्रीवाल यहां से दूसरी बार सांसद हैं.

सिग्रीवाल को चुनौती देंगे सच्चिदानंद:महाराजगंज लोकसभा सीट हॉट सीट इसलिए बन गई है क्योंकि विधान पार्षद चुनाव में निवर्तमान विधान पार्षद सच्चिदानंद राय को बीजेपी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया और किसी दूसरे प्रत्याशी को यहां से उम्मीदवार बना दिया. इसको लेकर सच्चिदानंद राय (MLC Satchidanand Rai) काफी आहत हुए और उन्होंने बीजेपी से बागी होकर निर्दलीय एमएलसी का चुनाव लड़ा और सारण से एमएलसी का चुनाव जीत गए. इंजीनियर सच्चिदानंद राय का आरोप है कि जनार्दन सिंह सिग्रीवाल के इशारे पर ही उनको बीजेपी ने बाहर का रास्ता दिखाया है. इसके बाद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल के खिलाफ 2024 में लोकसभा चुनाव में महाराजगंज से चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी.

महाराजगंज का जातीय समीकरण:दरअसल, इसके पूर्व सच्चिदानंद राय ने 2019 में भी महाराजगंज से बीजेपी से चुनाव लड़ने के लिए तैयारी की थी और टिकट की पार्टी से मांग भी की थी, लेकिन टिकट वर्तमान सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल को ही मिला था. अब महाराजगंज के जातीय समीकरण की बात कर ली जाए तो महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र में भूमिहार और राजपूत वोटरों की संख्या काफी ज्यादा है. महाराजगंज सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल (Maharajganj MP Janardan Singh Sigriwal) राजपूत जाति से आते हैं तो सच्चिदानंद राय भूमिहार जाति से हैं.

प्रभुनाथ सिंह के बेटे ने भी ठोका दावा:बहरहाल, बात यहीं समाप्त नहीं होती है सच्चिदानंद राय ने जहां यहां से चुनाव लड़ने की घोषणा की तो भला प्रभुनाथ सिंह का परिवार कैसे पीछे रहता. प्रभुनाथ सिंह यहां से कई बार सांसद रहे हैं. बाहुबली सांसद प्रभुनाथ सिंह के पुत्र रणधीर सिंह ने कहा कि महाराजगंज सीट से मेरे पिताजी सांसद रहे हैं और मैंने भी चुनाव लड़ा है, इसलिए महाराजगंज सीट के लिए मेरे परिवार में काफी कुछ किया है और हमारा वहां काफी जनाधार है, इसलिए मैं महाराजगंज को कैसे छोड़ दूं और उन्होंने भी महाराजगंज सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है. रणधीर सिंह 2019 में राजद से सिग्रीवाल के खिलाफ यहां से चुनाव लड़ चुके हैं और हार का सामना कर चुके हैं.

इस विषय पर वर्तमान सांसद सिग्रीवाल से जब इस संबंध में प्रश्न पूछा गया तो उन्होंने नपी तुली प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि समय आने पर इस विषय में बात होगी अभी तो काफी समय है, जबकि वर्तमान एमएलसी खुलकर 2024 का चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं. इसमें रोचक मोड़ उस समय आ गया जब प्रभुनाथ सिंह के बेटे रणधीर सिंह ने भी 2024 का चुनाव महाराजगंज से ही लड़ने की घोषणा कर दी. अब देखना यह है कि राजद किसे अपना उम्मीदवार बनाता है.

हालांकि, यहां से लड़ने वाले दोनों उम्मीदवार अपने-अपने क्षेत्र के बाहुबली माने जाते हैं. अगर रणधीर सिंह की बात करें तो वो बाहुबली सांसद प्रभुनाथ सिंह के बेटे हैं और इंजीनियर सच्चिदानंद राय धन के मामले में बाहुबली माने जाते हैं. अब यह राजद के ऊपर है कि राजद धनबल को टिकट देता है या बाहुबल को. बहराल जो भी हो इंजीनियर सच्चिदानंद राय को अगर राजद टिकट देती है तो उनकी निर्दलीय उम्मीदवारी तय मानी जा रही है. अगर महाराजगंज सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय होता है तो जीत कौन दर्ज करता है और 2024 में कौन महाराजगंज का महाराज बनेगा.

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