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विषहरी पूजा 2021: मंजीरा और गीत से गुंजायमान हुआ मंदिर, लेकिन भक्तों के प्रवेश पर रोक - भागलपुर में पूजा पाठ

8वीं सदी में रचे गए विषहरी पूजा भागलपुर में शुरू हो गया है. कोविड-19 के गाइडलाइन का पालन करते हुए पूरे विधि-विधान से पूजा कराया जा रहा है.

विषहरी पूजा
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Published : Aug 18, 2021, 10:07 AM IST

भागलपुर:अंग प्रदेश का लोकपर्वविषहरी पूजा ( Vishhari Puja ) शुरू हो गया है. एक महीने तक चलने वाला यह पूजा काफी उत्साह के साथ मनाया जाता है. लेकिन इस बार कोविड-19 (Covid-19) को लेकर भक्तों के लिए पूजा पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. हर वर्ष चंपानगर स्थित विषहरी मंदिर में लाखों की संख्या में श्रद्धालु डलिया चढ़ाने काफी दूर-दूर से आते थे. लेकिन इस बार भक्तों के बगैर मंदिर सुना पड़ा हुआ है.

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नाथनगर के चंपानगर में स्थित मां मनसा देवी मंदिर में मां विषहरी का पूजन वैदिक मंत्रोच्चार और हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. यह पूजा श्रावण मास के शुक्ल पक्ष नागपंचमी को मनाया जाता है. इसे लेकर पारंपरिक तरीके से एक माह पहले से ही मंदिरों में तैयारियां शुरू कर दी जाती है.

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सरकार के माध्यम से जारी कोविड-19 गाइडलाइन के साथ दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए पूजा कराया जा रहा है. वहीं मंदिर के पुजारी के माध्यम से निष्ठापूर्वक दूध, लावा और डलिया चढ़ाकर पूजा-अर्चना की जा रही है. मंदिर परिसर में आम भक्तों के प्रवेश पर पूर्ण रूप से रोक लगा दी गई है. कलश स्थापना के दौरान मां विषहरी की गाथा पर आधारित गीतों से पूरा मंदिर प्रागंण गूंजायमान रहा.


मंदिर के पुजारी संतोष झा ने बताया कि हर बार मंदिरों में भक्तों की भीड़ लगी रहती थी. लाखों की संख्या में श्रद्धालु डलिया चढ़ाने आया करते थे. लेकिन इस बार कोविड के कारण मंदिर सुना पड़ा हुआ है. उन्होंने बताया कि बुधवार रात मंदिर प्रांगण में ही बाला लखेंद्र की बारात और बिहुला के साथ रात्रि में विवाह संपन्न होगा. साथ ही सर्पदंश और दूसरी डलिया का चढ़ावा चढ़ेगा.

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