भागलपुर(नवगछिया): केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे (Union Minister Ashwini Choubey) ने आज भागलपुरजिले में बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों (Flood in Bihar) का दौरा किया. वे मकंदपुर स्थित लालजी मध्य विद्यालय में बनाये गये बाढ़ राहत शिविरों (Flood Relief Camps) का निरीक्षण किया. वहां लगे मेडिकल कैम्प का भी जायजा लिया. केंद्रीय मंत्री ने वहां शिविरों में बाढ़ पीड़ितों के लिए उपलब्ध सुविधाओं के बारे में जानकारी लेने के साथ ही सामूहिक किचन में बन रहे भोजन की गुणवत्ता की भी जांच की.
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उसके बाद उन्होंने जमीनदारी बांध का निरीक्षण किया. वहां पर मौजूद ग्रामीणों एवं अधिकारियों से उन्होंने बातचीत की और स्थिति की जानकारी ली. केंद्रीय मंत्री ने अधिकारियों से जाना कि बांध के टूटने या डूब जाने से कितने घर प्रभावित हो रहे हैं. वहीं, उन्होंने मौके पर मौजूद नवगछिया एसडीएम अखिलेश कुमार को बाढ़ पीड़ितों के लिए सुविधाओं का ध्यान रखने का आदेश दिया.
नवगछिया की यात्रा के बाद केंद्रीय मंत्री ने पत्रकारों को बताया कि यहां बाढ़ पीड़ितों को सुविधा पहुंचाई जा रही है. जगह-जगह सरकार द्वारा कैंप लगाकर खाना परोसा जा रहा है. वहीं, अधिकारियों को अपने क्षेत्र में भोजन से लेकर मेडिकल की सुविधा उपलब्ध कराने का आदेश दिया गया है.
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गौरतलब है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी लगातार बाढ़ग्रस्त इलाकों का हवाई सर्वेक्षण कर रहे हैं. इससे पहले वे सारण, भोजपुर, खगड़िया समेत कई जिलों का दौरा कर चुके हैं. बता दें कि राज्य के 26 जिलों की 20 लाख से ज्यादा की आबादी बाढ़ से प्रभावित है. आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक राज्य के 26 जिलों के 86 प्रखंडों की कुल 570 पंचायतें बाढ़ से आंशिक या पूर्ण रूप से प्रभावित है. वहां की 20 लाख से अधिक की आबादी बाढ़ की चपेट में है.
राजधानी पटना के अलावा वैशाली, भोजपुर, लखीसराय, मुजफरपुर, दरभंगा, खगड़िया, सहरसा, भागलपुर, सारण, बक्सर, बेगूसराय, कटिहार, मुंगेर और समस्तीपुर जिले बाढ़ से प्रभावित हैं. इन जिलों में बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की आठ और एसडीआरएफ की नौ टीमों को लगाया गया है.
बता दें कि जिले में 16 प्रखंड में से सुल्तानगंज, शाहकुंड, नाथनगर, गोराडीह, सबौर, कहलगांव, पीरपैंती, नवगछिया, गोपालपुर, इस्माइलपुर, खरीक, रंगरा चौक, बिहपुर और नारायणपुर प्रखंड बाढ़ से प्रभावित है. इन प्रखंडों के लगभग साठ प्रतिशत पंचायत बाढ़ से प्रभावित हैं.
यहां के 6517 हेक्टेयर कृषि योग्य जमीन बाढ़ के पानी में डूबा हुआ है. वहीं 600 हेक्टेयर गैर कृषि योग्य जमीन बाढ़ से प्रभावित है. जबकि 1360 हेक्टेयर भूमि में लगी फसल क्षतिग्रस्त हो गई है. जिले में बाढ़ से लगभग 42 हजार से अधिक मवेशी भी प्रभावित हैं.