भागलपुर:भागलपुर का ऐतिहासिक तेज नारायण बनैली महाविद्यालय (टीएनबी कॉलेज) भवन हेरिटेज बिल्डिंग (Heritage Building) में शामिल होगा. इसके लिए सरकारी स्तर पर कवायद शुरू हो गई है. इस सूची में टीएनबी कॉलेज के अलावा मुजफ्फरपुर के लंगट सिंह कॉलेज (Langat Singh College) का भी नाम है.
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हेरिटेज बिल्डिंग घोषित करने के लिए कॉलेज स्तर से सारी प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई हैं. बीते दिनों विधानसभा सत्र के दौरान कॉलेज को हेरिटेज बिल्डिंग में शामिल करने को लेकर विधानसभा में रामचंद्र पूर्वे ने भवन निर्माण मंत्री से सवाल पूछा था, जिसके बाद सरकार के स्तर से कार्रवाई शुरू हुई.
सवाल पूछे जाने के बाद 20 अगस्त को भवन प्रमंडल के भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता इंजीनियर विनय कुमार सिंह ने टीएनबी कॉलेज के प्राचार्य को पत्र भी भेजा था. टीएनबी कॉलेज से संबंधित दस्तावेजों की मांग की गई है, जिसे कॉलेज प्रशासन ने संबंधित विभाग को भेज दिया है.
इस दिशा में कार्रवाई भी शुरू हो गई है. बता दें कि हेरिटेज बिल्डिंग घोषित हो जाने के बाद टीएनबी कॉलेज भवन का संरक्षण सरकार के स्तर से होगा. जर्जर हो रही टीएनबी का ऐतिहासिक बिल्डिंग का जीर्णोद्धार होगा और इस भवन की देखरेख बिहार सरकार द्वारा किया जाएगा. किसी भी कॉलेज को ऑटोनॉमस होने के लिए उसकी बिल्डिंग को हेरिटेज होना जरूरी है. यदि ऐसा हो जाता है तो कॉलेज ऑटोनॉमस होने की दिशा में भी आगे बढ़ेगा. टीएनबी कॉलेज ऑटोनॉमस हो जाने के बाद विश्वविद्यालय केवल कॉलेज में परीक्षाओं का संकलन कराएगी. विद्यार्थियों को कॉलेज से सर्टिफिकेट मिलेगा.
बीते दिनों रामचंद्र पूर्वे ने हेरिटेज बिल्डिंग में शामिल करने को लेकर विधानसभा में प्रश्न पूछा था, उसके बाद अजीत शर्मा ने भी विधानसभा में बात को उठाई थी. जिसके बाद कुछ अधिकारी और इंजीनियर यहां आए थे. कोरोना के कारण मामला ठंडे बस्ते में चला गया था. लेकिन अभी हाल ही में फिर से भवन निर्माण के इंजीनियर का पत्र मिला है. पत्र के अनुसार उन्हें जवाब भी भेज दिया गया है.- डा. संजय चौधरी,प्राचार्य, टीएनबी कॉलेज
टीएनबी कॉलेज के प्राचार्य डॉ .संजय चौधरी ने बताया कि टीएनबी कॉलेज भवन को हेरिटेज बिल्डिंग का दर्जा मिलने के बाद भवन का रखरखाव बिहार सरकार करेगी. उन्होंने कहा कि भवन का मेंटेनेंस कॉलेज के कोष से नहीं हो सकता है इसलिए बहुत जरूरी है कि हेरिटेज भवन में शामिल किया जाए. दरअसल 1993 तक सभी कॉलेज भवन का रखरखाव बिहार सरकार के पीडब्ल्यूडी द्वारा किया जाता था. लेकिन फिर बीच में इस सिस्टम को बंद कर दिया गया और कॉलेज भवन का रखरखाव कॉलेज कोष से होने लगा था.