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ये है बिहार की 'जुगाड़ वाली एंबुलेंस', अस्पताल ने मुंह मोड़ा तो चुनना पड़ा ये रास्ता - Sultanganj Referral Hospital

भागलपुर जिले के सुल्तानगंज रेफरल अस्पताल (Sultanganj Referral Hospital) की बड़ी लापरवाही (Negligence) सामने आई है. एंबुलेंस नहीं मिलने पर परिजनों ने जुगाड़ गाड़ी को एंबुलेंस बनाया, जिसके बाद प्रसूता और नवजात बच्चे को चिलचिलाती धूप में घर ले जाया जा सका. पढ़ें रिपोर्ट..

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Published : Sep 4, 2021, 10:01 PM IST

भागलपुर:एक ओर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) स्वास्थ्य व्यवस्था बेहतर बनाने को लेकर लगातार सकारात्मक प्रयास कर रहे हैं. वहीं, सूबे के मुखिया नीतीश कुमार (Nitish Kumar) भी प्रसूताओं और बच्चों के लिए बेहतर सुविधा देने का दावा करते हैं, लेकिन भागलपुर(Bhagalpur) जिले का सुल्तानगंज रेफरल अस्पताल (Sultanganj Referral Hospital) व्यवस्थाओं की पोल खोल रहा है.

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हमेशा चर्चाओं में रहने वाला सुल्तानगंज रेफरल अस्पताल में व्यवस्था की घोर कमी है. दरअसल, क्षेत्र के मसदी पंचायत के शिवनंदनपुर निवासी सुबोध विंद की पत्नी मुनीता देवी ने अपने पहले बच्चे को जन्म दिया. पहला बच्चा होने पर परिवार वालो में खुशी का ठिकाना नहीं रहा. शुक्रवार को नवजात बच्चे और प्रसूता को छुट्टी दे दी गई.

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शुक्रवार को दोनों को चिलचिलाती धूप में छुट्टी दे दी गई. परिजनों ने अस्पताल से एंबुलेंस की मांग की, लेकिन अस्पताल की ओर से एंबुलेंस नहीं दी गई. ऐसे में चिलचिलाती धूप में एक दिन के जन्मे बच्चे को घर ले जाने के लिए एंबुलेंस का सहारा लेना पड़ा. प्रसूता के साथ पहुंचे परिजनों ने बताया कि अस्पताल के कर्मियों से एंबुलेंस की मांग की गई, लेकिन एंबुलेंस मुहैया नहीं होने पर जुगाड़ गाड़ी का सहारा लेकर प्रसूता और एक दिन के बच्चे को घर ले जाना पड़ा.

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इस पूरे मामले को लेकर ड्यूटी में तैनात डाॅक्टर अखिलेश कुमार से पूछा गया तो बताया कि हमें इसकी जानकारी नहीं है. हमसे एंबुलेंस की मांग नहीं की गई है और प्रसूता कैसे गई हमें नहीं पता है.

अब सवाल ये उठता है कि जिस अस्पताल की व्यवस्था ही लचर और बेबस है, तो ऐसे में कैसे मरीजों की हालत सुधर पाएगी. सरकार भले ही बेहतर करने को लेकर प्रयास कर रही है, लेकिन अस्पताल में मौजूद कर्मी की लापरवाही का आलम साफ-साफ दिखाई दे रहा है.

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